Mar 19, 2024, 13:14 IST

कलाकॉर्नर की एक्टिंग शाला में दिखा आर्टिस्ट्स और क्रिएटर्स का अनूठा संगम

कलाकॉर्नर की एक्टिंग शाला में दिखा आर्टिस्ट्स और क्रिएटर्स का अनूठा संगम

- पहले दिन वर्कशॉप में लगभग 1000 कंटेंस्टेंट्स ने हिस्सा लिया 
- भारतीय फिल्म, टेलीविज़न व थिएटर एक्टर और डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता ने एक्टिंग शाला में बाँधा समाँ

इंदौर, 16 मार्च, 2024: डिफर (Diffr) द्वारा आयोजित 'कलाकॉर्नर' (कलाCorner) की वर्कशॉप एक्टिंग शाला (Actingशाला) ने शहर की प्रतिभाओं के लिए खूब सकारात्मकता बिखेरी। यह वर्कशॉप जानी-मानी हस्ती भारतीय फिल्म, टेलीविज़न व थिएटर एक्टर और डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता ने कंटेंस्टेंट्स को कैमरा, स्टेजक्राफ्ट और टेलीविज़न एक्टिंग टेक्निक्स के लिए बारीकी से जानकारी प्रदान की। ऐसे में, इस वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले कंटेंस्टेंट्स को बॉलीवुड इंडस्ट्री में शामिल होने के दौरान आने वाली मुश्किलों से निपटने के तौर-तरीके और इसमें शामिल होने के लिए जरुरी बातें सीखने को मिलीं।

जीएसआईएमआर कॉलेज, होटल मैरियट के पास, विजय नगर, इंदौर में आयोजित इस वर्कशॉप में लगभग 1000 कंटेंस्टेंट्स ने हिस्सा लिया और इसके माध्यम से उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। इस बात ने इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन कंटेंस्टेंट्स की संख्या में वृद्धि की उम्मीद काफी बढ़ा दी है।  

इस अवसर पर डिफर के फाउंडर पुल्कित जैन ने कहा, "कला के क्षेत्र से जुड़ा ऐसा कोई भी एस्पिरेंट जिसका बजट कम है और वह इस क्षेत्र से जुड़ी सुविधाएं लेना चाहता है और वो मुंबई, दिल्ली, चेन्नई या हैदराबाद जैसे शहरों में नहीं है तो ऐसे उम्मीदवारों को मौके कहाँ से मिलेंगे? बस यही बात दिमाग में रखकर हमने डिफर की शुरुआत की। हमने इसके लिए अपनी वेबसाइट और एप्लीकेशन लांच किया, ताकि जितनी भी प्रतिभाएं हैं वो अपना टैलेंट वहां लिस्ट करें और ऐसे लोग जो इन प्रतिभाओं की तलाश में हैं वह उन्हें वेबसाइट और ऐप के माध्यम से उन्हें चुन सकते हैं. ये एक बहुत आसान प्रक्रिया हैं।" 

इस चर्चा कॉर्नर में डिफर के प्रयास को लेकर एक्टर राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि, "इस तरह के प्लेटफार्म प्रतिभाओं को ऑडियंस, आम जनता या उन लोगों तक पहुंचाने का एक बहुत महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध हो सकते हैं जो इस क्षेत्र में अपने भविष्य की उम्मीद कर रहे हैं."

यह शहर में आयोजित अपने तरह का पहला इवेंट है, जिसमें आर्टिस्ट्स और क्रिएटर्स का अनूठा संगम देखने को मिला। उन सभी का यही मानना है कि शहर में इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए, जिससे प्रतिभाओं को उड़ने के लिए पंख मिलते रहे। अब तक ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं था, लेकिन इस कमी को दूर करते हुए, शहर की प्रतिभाओं को नई पहचान दिलाने का सार्थक माध्यम बना है डिफर। ऐसे में, यह उन लोगों के लिए सफल साबित होगा, जो क्रिएटिविटी के क्षेत्र में आगे आना चाहते हैं और अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। कंटेंस्टेंट्स के अनुसार, वर्कशॉप के दौरान गेस्ट ने संबंधित विषय पर बहुत ही बारीकी से जानकारी दी, जो आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है। 

यह एक ऐसा इवेंट है, जो अपने में क्रिएटिविटी के सभी रूपों को शामिल करता है। कविता से लेकर संगीत तक, थिएटर से लेकर सिनेमा तक, लाइट्स से लेकर साउंड तक, कला कॉर्नर में सभी के लिए कुछ न कुछ है। ऐसे में, यह कार्यक्रम अभिनेताओं, मॉडल्स, फोटोग्राफर्स, वीडियो एडिटर्स, फोटोग्राफर्स, कॉन्टेंट राइटर्स, ग्राफिक डिजाइनर्स और अन्य सहित उन दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने के अपने वादे पर खरा उतर रहा है, जो इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने और उनसे जुड़ने के लिए उत्सुक हैं। अपने हुनर को पंख देने का इससे अच्छा मौका और क्या होगा? तो आप भी जुड़िए डिफर के कलाकॉर्नर प्रोग्राम से।

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