देश में गेमिंग को लेकर अब लोगों की सोच लगातार बदल रही है। गेमिंग को कभी केवल एक शौक माना जाता था, लेकिन कई गेमर्स अब इससे अच्छी कमाई करने लगे हैं। गेमिंग अब केवल मनोरंजन का साधन भर नहीं रह गया है। कई लोग इसे अब एक आकर्षक करियर विकल्प के रूप में अपना रहे हैं। वहीं महिलाएं भी इसमें बिल्कुल पीछे नही हैं। इससे सरकार को भी काफी फायदा हो रहा है। अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में ऑनलाइन गेमिंग से जीएसटी 3,470 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो पिछली तिमाही में कलेक्ट हुए 605 करोड़ रुपए से पांच गुना अधिक है।
हाल ही में HP की गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 ने एक रिपोर्ट पेश किया था, जिसमें 15 शहरों के 3000 गेमर्स पर एक सर्वे किया गया था। जिसमें यह पता चला कि 58 प्रतिशत महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे तक का समय गेमिंग पर दे रही हैं। वहीं पुरुषों के लिए यह आंकडा 74 प्रतिशत का है। उत्तर भारत में 54 प्रतिशत महिलाएं अब सीरियस गेमिंग कर रही हैं, जबकि पश्चिम भारत में ऐसा करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 74 है। सर्वेक्षण में गेमिंग को लेकर माता-पिता की राय भी सामने आई हैं। कई अभिभावक गेमिंग को एक स्थायी करियर विकल्प के रूप में अपनाने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। दूसरी ओर कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्छा जरिया हो सकता है।
कैसे होती है सरकार को कमाई?
अब आइए यह समझते हैं कि सरकार इससे कैसे कमाई करती है। मान लीजिए आप लोगों ने 100 रुपए खेलने के लिए ऑलाइन डिपॉजिट किए तो आपसे 28 फीसदी जीएसटी चार्ज किया जाएगा। अगर आप 100 रुपए लगाकर 200 रुपए जीत गए और आप इस पैसे को निकालते नहीं है और फिर से गेमिंग करते हैं तो आपसे दोबारा 28 फीसदी जीएसटी नहीं लिया जाएगा। लगभग देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेमिंग का लुत्फ उठाते हैं। ये इंडस्ट्री दुनियाभर में तेजी से ग्रो कर रही है, अगले साल यानी 2025 तक गेमिंग इंडस्ट्री के 41 हजार करोड़ पहुंचने के आसार हैं।