Jan 11, 2024, 10:02 IST

शेमारू उमंग के चर्चित शो 'श्रवणी' की अभिनेत्री सोनल खिलवानी ने अपने होमटाउन की मकर संक्रांति के त्यौहार को किया याद, जानिए !

शेमारू उमंग के चर्चित शो 'श्रवणी' की अभिनेत्री सोनल खिलवानी ने अपने होमटाउन की मकर संक्रांति के त्यौहार को किया याद, जानिए !


शेमारू उमंग का लोकप्रिय शो 'श्रवणी' अपनी दिलचस्प कहानी से लगातार दर्शकों के दिलों को छू रहा है। शो के करेंट ट्रैक में, श्रवणी (सोनल खिलवानी द्वारा अभिनीत किरदार) कई व्यक्तिगत कठिनाइयों से जूझ रही हैं और डटकर हर कठिनाइयों का सामना कर रही हैं और अपने दर्शकों की प्रेरणाश्रोत बनकर उभर रही हैं। इसी बीच मकर संक्राति का त्यौहार करीब है, जिसको लेकर सभी लोगों में उत्साह का मौहाल है और सोनल खिलवानी भी इस दिन को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अपने होमटाउन बनारस के दिनों को याद करते हुए उन्होंने इस दिन से जुड़ीं कुछ ख़ास बातें दर्शकों से साझा की। 
 
'श्रवणी' का मुख्य किरदार निभाने वाली अभिनेत्री सोनल खिलवानी अपने मकर संक्राति त्यौहार से जुड़ी यादों के बारे में बात करते हुए कहती हैं," मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे हर समुदाय और संस्कृति में विभिन्न नामों से बुलाया जाता है। इस दिन को बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। जैसे मैं यूपी से आती हूँ और इस त्यौहार के दिन वहां लोगों में बहुत उत्साह होता है और अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं, हर प्रकार की मिठाइयां होती हैं और घर की छत पर म्यूजिक सिस्टम में गाना लगाकर हम सब मिलकर एकसाथ पतंग उड़ाते थे और स्वादिष्ट व्यंजन और मिठाइयों का आनंद लेते थे। एक हफ्ते पहले से मेरे घर बनारस में इसकी तैयारियां शुरू हो जाती थी। 'श्रवणी' शो की शूटिंग में व्यस्त होने के चलते भले ही मैं इस बार घर नहीं पहुंच पाई पर मैं महाराष्ट्र में इस दिन के उत्साह को जरूर देखूंगी और इसका आनंद लुंगी।"
 
अहमदाबाद में  मनाए जाने वाले उत्तरायण की ख़ास यादों को ताज़ा करते हुए श्रवणी ने कहा, " मेरे बचपन से जुड़ी एक चीज जो मुझे आज भी याद है वह यह है कि मैं जब 4 से 5 साल की थी तो मैं अहमदाबाद शहर में रहती थी। वहां इस त्यौहार को उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है तब मैं भले ही छोटी थी, लेकिन वो खूबसूरत यादें आज भी मेरे मन में हैं।"
 
अपने चहेती श्रवणी यानि सोनल खिलवाणी के बारे में अधिक जानने के लिए देखें 'श्रवणी' शो हर सोमवार से शनिवार, रात 8:30 बजे केवल, शेमारू उमंग पर।

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