गुजरात राज्य में प्रसिद्ध नीलकंठ भगवान को समर्पित Nilkanth Dham Temple एक सुन्दर और आकर्षित मंदिर है। नीलकंठ धाम पोइचा में नर्मदा नदी के तट पर निर्माण किया गया है। यह मंदिर स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है । इस मंदिर में भारी संख्या में पर्यटक और भक्त घूमने आते है।
नीलकंठ धाम मंदिर पर्यटकों को बहुत ही शांति का अनुभव कराता है , इस मंदिर को नीलकंठ धाम, पोइचा या स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान nilkanth dham temple का निर्माण राजकोट के स्वामीनारायण गुरुकुल द्वारा करवाया गया है । इस मंदिर की प्रतिकृति यानि की मंदिर का दूसरा नमूना पाटड़ी में बनाया गया है इसको मिनी पोइचा के नाम से पहचाना जाता है। पोइचा धाम मंदिर का निर्माण साल 2013 में बनाया गया था जिसे पर्यटक और श्रद्धालुओके के लिए साल 2014 में प्रवेश के लिए खोला गया था।
यहां भगवान स्वामीनारायण की बड़ी दिव्य स्वरूपवान प्रतिमा स्थपित है इसके अलावा सीता-राम , राधा कृष्ण ,भगवान शंकर का शिवलिंग के साथ भगवान शिव की प्रतिमा ,नीलकंठवर्णी और भगवान गणेश की सुन्दर प्रतिमाये स्थापित है इसके दर्शन करके श्रदालु अपने मन को शांति का अनुभव करते है।
नीलकंठ मंदिर करीबन 105 एकड़ के क्षेत्र में बना हुवा है। मंदिर को nilkanth dham और स्वामीनारायण मंदिर और सहजानन्द यूनिवर्सल को दो हिस्सों में बाटा गया है। मंदिर के द्वार पर भगवान नटराज की विशाल प्रतिमा स्थापित है। nilkanth dham temple में बड़ा और सुन्दर सरोवर बना हुवा है। बीच में भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा गणेशजी , हनुमानजी के साथ अन्य कई मंदिर स्थापित है। मंदिर के नीचे के हिस्से में पवित्र 108 गौमुखी गंगा से बहती नर्मदा नदी के पानी से स्नान करने वाला स्थान सुबह से शाम तक श्रद्धालुओ से भरा रहता है। मंदिर में कई अन्य छोटे-छोटे मंदिर निर्माणित है।
पोइचा मंदिर में दर्शन के लिए दोपहर से शाम का समय बहुत अच्छा रहता है क्योकि मंदिर में दोपहर के समय में पर्यटक मंदिर को अच्छी तरह से देख सकते है इस इसमें करीब 3 से 4 घंटे का समय लगता है। मंदिर में शाम के समय में भगवान नीलकंठ की पालकी यानि कि शोभायात्रा निकाली जाती है और पूरे मंदिर की प्रदक्षिणा की जाती है। भगवान की इस शोभायात्रा में सारे भक्त और पर्यटक भाग लेते है और भगवान नीलकंठ की जयजयकार करते भगवान के गुणगान करते है इस यात्रा में करीबन 1 घंटे का समय लगता है। भगवान की यात्रा के बाद भगवान स्वामीनारायण की शाम की पूजा की जाती है इसके बाद लाइट शो का प्रदर्शन किया जाता है