May 3, 2024, 11:51 IST

कारोनारोधी वैक्सीन कोवैक्सीन सुरक्षित है- भारत बायोटेक ने कहा.....

कारोनारोधी वैक्सीन कोवैक्सीन सुरक्षित है- भारत बायोटेक ने कहा.....

भारत बायोटेक ने गुरुवार को दावा किया कि उसकी कारोनारोधी वैक्सीन कोवैक्सीन सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। भारत बायोटेक ने यह दावा एस्ट्राजेनेका की इस स्वीकारोक्ति के बीच की है कि कोविशील्ड वैक्सीन का दुष्प्रभाव हो सकता है। भारत में कोरोना से बचाव के लिए लोगों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी।

लोगों की सुरक्षा थी पहली प्राथमिकताः भारत बायोटेक

भारत बायोटेक ने बयान में कहा कि कोवैक्सीन बनाते समय हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा थी और दूसरी प्राथमिकता वैक्सीन की गुणवत्ता थी। लाइसेंस प्रक्रिया के तहत कोवैक्सीन का 27 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया गया। कोवैक्सीन भारत सरकार के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में एकमात्र कोरोना रोधी वैक्सीन थी, जिसके असर का भारत में परीक्षण किया गया था।

कोवैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल मोड के तहत सीमित इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दिया गया था, जहां हजारों लोगों पर इसका ट्रायल किया गया। वैक्सीन का मूल्यांकन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी किया गया था। भारत बायोटेक ने कहा कि सभी अध्ययनों और सुरक्षा गतिविधियों में कोवैक्सीन ने उत्कृष्ट सुरक्षा रिकार्ड का प्रदर्शन किया है। वैक्सीन से संबंधित कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला।- भारत बायोटेक

एस्ट्राजेनेका ने क्या कहा है?

गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट को सौंपे दस्तावेज में स्वीकार किया कि कोविशील्ड जैसे ब्रांड के तहत बेची जाने वाली उसकी कोरोना रोधी वैक्सीन का दुष्प्रभाव हो सकता है। वैक्सीन लेने के बाद थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का खतरा रहता है। हालांकि, यह दुर्लभ मामलों में होता है।

टीटीएस में मस्तिष्क या अन्य रक्त वाहिकाओं में थक्का जम जाता है। रक्त में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स छोटी कोशिकाएं होती हैं जो रक्त को जमने में मदद करती हैं, इसलिए इनका बहुत कम होना खतरनाक हो सकता है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बनाती है। 

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement