Mar 12, 2024, 21:48 IST

झांसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फिर फर्जीवाड़ा,किसी ने खुद से भर ली मांग तो किसी ने नहीं लिए सात फेरे

झांसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फिर फर्जीवाड़ा,किसी ने खुद से भर ली मांग तो किसी ने नहीं लिए सात फेरे

झांसी।उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं।झांसी में एक बार फिर इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है।इस दौरान किसी दुल्हन ने खुद से मांग भर ली तो किसी ने सात फेरे ही नहीं लिए।साथ ही शादी के दौरान कहीं भी मंडप नजर नहीं आया।

झांसी में हो रहे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोहों को अहमियत नहीं दी जा रही है।यहां सरकारी योजना का फायदा धोखे से लेने का बड़ा खेल चल रहा है।बुंदेलखंड महाविद्यालय में सोमवार को हुए विवाह समारोह में 96 जोड़े शामिल हुए। यहां एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है।क्योंकि जब शादी हो रही थी तो दुल्हन ने खुद से अपनी मांग भर ली। इसके अलावा कई जोड़ों ने सात फेरे ही नहीं लिए, जिसके बाद से फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आ रही है।

इस बारे में समाज कल्याण अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि यहां तो वह सिर्फ दिखावे के लिए शादी कर रहे हैं। असल शादी तो बाद में धूमधाम से होगी। इतना ही नहीं उन्हें इसका कोई मलाल भी नहीं है, वह कहते हैं कि जयमाला तो दो बार हो सकती है और उनका फॉर्म भर गया है।

सम्मेलन में सबसे पहले वर-वधु को मंच के पास बुलाया गया। इसके बाद समाज कल्याण अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में वर-वधु ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई। जय माला पहनाने के बाद सभी जोड़ों को अग्नि के आगे सात फेरे और मांग भरने की रस्म पूरी करने के लिए बुलाया गया। रस्में अभी शुरू हुई ही थीं कि तभी कुछ जोडे़ धीरे-धीरे वहां से खिसक लिए और दूर जाकर बैठ गए।शक हुआ तो उनसे पूछा गया।उनमें से किसी ने बताया कि उनकी शादी अगले महीने है तो किसी का कहना था कि दो महीने बाद वो धूमधाम से शादी करेंगे।सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने फॉर्म भर दिया है, जिसके लिए उन्होंने केवल जयमाला एक दूसरे को पहनाई है, न कि पूरी शादी और जयमाला तो दो बार जाती है। रस्में बीच में छोड़कर इधर-उधर बैठे वर-वधु की नजर कैमरे पर पड़ी तो वह अपना मुंह छिपाते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंच गए और दिखावे के लिए खानापूर्ति करने लगे। इन्हीं में कुछ ने तो स्वयं ही अपने से हांथ सिंदूर लेकर अपनी मांग भर ली।

बता दें कि इससे पहले बीते माह 27 फरवरी को झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में सामूहिक विवाह समारोह में खेला सामने आया था।इस दौरान दूल्हे के नहीं आने पर एक दुल्हन की शादी उसके जीजा से ही करा दी गई थी।पहले तो प्रशासन मानने को तैयार नहीं था, लेकिन बाद में समाज कल्याण विभाग की ओर से जांच के आदेश दिए गए और दुल्हन को मिला सारा सामान वापस ले लिया गया था।इस सामूहिक विवाह समारोह में 132 जोड़ों का विवाह कराया गया था, लेकिन एक जोड़ा संदिग्ध नजर आया, क्योंकि फेरे लेने के बाद दुल्हन बनी खुशी अपनी मांग का सिंदूर पोंछ रही थी। उसने माथे से बिंदी आदि को भी हटा दिया था।जांच करने पर पता चला कि दुल्हन खुशी का पति नहीं आया था।उसने अपने जीजा दिनेश संग फेरे लिए हैं।जीजा दिनेश पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं।

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