हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर बरौला, नोएडा स्थित "साहित्य सदन" के 'काव्य भवन' सभागार में हर वर्ष की भांति इस बार भी "साहित्य वेलफेयर कल्चरल एंड स्पोर्ट्स फेडरेशन" तथा "राष्ट्रीय कवि पंचायत मंच" के संयुक्त तत्वावधान में आज के अंग्रेजी युग में युवा पीढ़ी हेतु हिंदी भाषा का महत्व से संबंधित "हिंदी की दिशा, दशा तथा भविष्य " विषय पर हिंदी मर्मज्ञ व साहित्य मनीषी वक्ताओं द्वारा समीक्षा, चर्चा परिचर्चा व व्याख्यान का आयोजन किया गया। वक्ताओं के रूप में देश के प्रसिद्ध हास्य व्यंग्यकार बाबा कानपुरी तथा कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व राजभाषा निदेशक व वरिष्ठ साहित्यकार किशोर श्रीवास्तव तथा अंतर्राष्ट्रीय कवित्री मधुमोहिनी उपाध्याय प्रमुख रूप से रहे। कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन अभिमन्यु पांडेय 'आदित्य' ने किया। "साहित्य वेलफेयर कल्चरल एंड स्पोर्ट्स फेडरेशन" के नेशनल चेयरमैन तथा "राष्ट्रीय कवि पंचायत मंच" के संस्थापक एवं सन 2004 में हिंदी दिवस पर भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से सम्मानित कवि व लेखक पंडित साहित्य कुमार चंचल ने बताया कि हिंदी साहित्य के वर्चस्व को बचाने के लिए सभी साहित्यकारों को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। विगत 25 वर्षों से उनका यही उद्देश्य रहा है कि सभी सच्चे साहित्यकार एकजुट होकर एक मंच पर आए और हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित कराने हेतु एक नए आंदोलन की तरफ कदम बढ़ाए। हिंदी हमारी संस्कृति और संस्कार है, इसलिए हिंदी के प्रति आज की पीढ़ी को जागरूक करना बहुत ही आवश्यक बन जाता है। इसी कड़ी में फेडरेशन द्वारा इस बार नोएडा से पांच तथा दिल्ली से एक सहित कुल छह विद्यालयों के हिंदी विषय में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले भिन्न-भिन्न कक्षाओं के दस छात्र छात्राओं का चयन कर उन्हें "हिंदी प्रतिभा सम्मान" के माध्यम से सम्मान प्रतीक, प्रशस्ति प्रमाण पत्र, तिरंगा अंगवस्त्र तथा उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले मेधावी छात्रों में न्यू बाल भारती स्कूल की तेजस्विनी 98% अंक प्राप्त करने वाली सभी प्रतिभाओं में विशेष रूप से प्रथम स्थान पर रही। न्यू बाल भारती स्कूल की ही श्रुति भदोरिया 93% अंक, ग्रीन फील्ड विद्या निकेतन की राखी शर्मा 96% व इशिका 82%, राइजिंग स्टार स्कूल के शिवम कुमार 94% तथा खुशी 93%, एम.एन.बी मॉडर्न स्कूल दिल्ली से श्रेया शर्मा 93.5%, फ्रोबेल पब्लिक स्कूल के रोहित शर्मा 93. 1%, व स्वाति चौहान 92%, महाराणा प्रताप इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के आदर्श गुप्ता 91% अंक हिंदी में प्राप्त करने वाले छात्र व छात्राएं प्रमुख रहे। सभी मेधावी छात्रों को फेडरेशन के नेशनल चेयरमैन तथा अतिथियों द्वारा विधिवत् सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे बाबा कानपुरी, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ठा. एन. पी. सिंह, विशिष्ट अतिथि गण नोएडा प्राधिकरण के ट्रिब्यूनल जज वीरेश तिवारी, भारत सरकार के पूर्व राजभाषा निदेशक किशोर श्रीवास्तव, अन्तर्राष्ट्रीय कवित्री मधु मोहिनी उपाध्याय, माल्यार्थ फाउंडेशन की को-चेयर पर्सन आकांक्षा, अयोध्या से पधारे नवसृजन सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. सी. श्रीवास्तव सहित सभी ने हिंदी पखवाड़ा पर पूरे एनसीआर के एकमात्र इस अद्वितीय, अद्भुत व विशेष कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीडीआरडब्लूए के अध्यक्ष एवं भारतीय किसान यूनियन ( भानू ) के राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री एन०पी० सिंह ने हिंदी पखवाड़ा पर हिंदी में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को फेडरेशन द्वारा सम्मानित करना हिंदी के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया। फेडरेशन के चेयरमैन पंडित साहित्य चंचल के इस अभियान को भविष्य में भी इसी तरह आगे बढ़ाने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कही। श्री चंचल ने यहां तक कहा कि आजकल के तथाकथित कवियों ने हिंदी साहित्य और कविता की परिभाषा ही बदल कर रख दी है जो कि बड़ी ही विडंबना और चिंता का विषय है। कवि सम्मेलन तथा कवि गोष्ठियों के आयोजन से कुछ हद तक हिंदी के प्रचार और प्रसार को प्रदर्शित तो किया जा सकता है, लेकिन मात्र कवि सम्मेलनों के आयोजनों के सहारे हिंदी के भविष्य को सुरक्षित नहीं किया जा सकता है। हिंदी साहित्य को सही मायने में आगामी पीढ़ी तक पहुंचाना गंभीर विषय के साथ एक कठिन चुनौती भी है। श्री चंचल का कहना है कि आज "हिंदी बचाओ अभियान" चलाने की नितांत आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत उनकी टीम द्वारा विद्यालयों में जाकर "हिंदी पढ़ाओ संस्कृति बचाओ" पर ज़ोर दिया जाना तथा सच्ची भावनाओं के साथ इस लक्ष्य को जन मानस तक पहुंचाना उनका लक्ष्य है। फेडरेशन द्वारा हिंदी भाषा में अच्छे प्राप्तांक लाने वाले सम्मानित हुए विद्यार्थियों के चेहरे पर आत्मविश्वास की झलक साफ-साफ दिख रही थी। हिंदी पखवाड़ा पर फेडरेशन के नेशनल चेयरमैन पंडित साहित्य चंचल ने इस आयोजन के प्रयोजन से संबंधित आज के रचनाकारों से अपील की है कि कवि सम्मेलन अथवा गोष्ठियों में काव्य पाठ से ज्यादा बेहतर होगा कि इस अंग्रेजी युग में आज की युवा पीढ़ी को हिंदी के प्रति जागरूक कर हिंदी राजभाषा तथा राष्ट्र के निर्माण में योगदान देकर अपने मार्गदर्शक व पथ प्रदर्शक होने का प्रमाण देकर बख़ूबी अपना कवि धर्म निभाएं। उन्होंने रचनाकारों से प्रपंच छोड़कर एक सुदृढ़ तथा सशक्त मंच की अपील की है। श्री चंचल ने विगत 25 वर्षों की भांति इस मिशन को आगे बढ़ाने का निर्णय लेकर भविष्य में भी राजभाषा और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। कार्यक्रम के दूसरे चरण में आयोजित हुए कवि सम्मेलन में देश के लगभग दो दर्जन रचनाकारों ने अपना भव्य काव्य पाठ किया। काव्य भवन में उपस्थित सैकड़ो श्रोताओं के साथ-साथ विद्यालयों के बच्चों ने भी अपने शिक्षकों व अभिभावकों के साथ कविता, गीत, गज़लों का भरपूर आनंद उठाया। फेडरेशन की सचिव प्रिया मिश्रा ने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।