नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) चुनाव कार्यक्रम का एलान कर दिया है। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। संभावना है कि 543 सीटों के लिए सात या आठ चरणों में मतदान कराया जाएगा।लोकसभा का चुनाव सात चरणों में होगा. 19 अप्रैल को पहले चरण का आगाज होगा और सातों चरण के मतदान के बाद 4 जून को चुनावी नतीजे आएंगे।
पहला चरण – 19 अप्रैल को चुनाव होगा (21 राज्य)
दूसरा चरण – 26 अप्रैल को चुनाव होंगे
तीसरा चरण – 7 मई को चुनाव होंगे
चौथा चरण – 13 मई को चुनाव होंगे
पांचवां चरण – 20 मई को चुनाव होंगे
छठा चरण – 25 मई को चुनाव होंगे
सातवां चरण – 1 जून को चुनाव होंगे (पंजाब और हरियाणा शामिल होंगे)।
Counting Date for whole country – 4 June
चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होगा…
सिक्किम – 19 अप्रैल को चुनाव
ओडिसा – 13 मई और 20 मई को चुनाव
अरुणाचल प्रदेश – 19 अप्रैल को चुनाव होगा
आंध्रप्रदेश – 13 मई को चुनाव होगा
देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हो गई है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में 85 लाख तो महिला मतदाता हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18 साल की उम्र पूरी कर लेंगे।
मतदाता सूची की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों को शामिल किया गया
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि बाद में कोई यह नहीं कहे कि हमें नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। उनकी आपत्तियों का निराकरण किया गया है।
हर उम्र वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या
हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है।
भारत में मतदाताओं की संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा
राजीव कुमार ने कहा कि भौगोलिक, सांस्कृतिक रूप से विविध इस देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए हमने दो वर्ष तक तैयारी की है। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे कम हुए हैं।