Jan 26, 2024, 16:58 IST

जल शक्ति मंत्रालय ने 75वां गणतंत्र दिवस, 2023 मनाया

जल शक्ति मंत्रालय ने 75वां गणतंत्र दिवस, 2023 मनाया

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कल शाम नई दिल्ली में एसबीएम-जी की बदलाव लाने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देकर प्रगति को आगे बढ़ाना था। इस कार्यक्रम की योजना सिर्फ जश्न मनाने के लिए नहीं बल्कि सार्थक रणनीतिक चर्चा के लिए बनाई गई थी। इन बात-विचारों ने स्वच्छता क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाली महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया और व्यावहारिक विचार-विमर्श का अवसर दिया जो भविष्य की नीति निर्माण को प्रभावित कर सकता है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जल शक्ति राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर के साथ एक जीवंत संवाद के लिए देश भर की 475 से अधिक महिलाएं एक साथ आईं।

एसबीएम-जी के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक श्री जीतेंद्र श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और महिला परिवर्तन कर्ताओं को 'वह बदलाव लाने के लिए बधाई दी जो वे दुनिया में देखना चाहती  हैं।' उन्होंने देश भर में एसबीएम की प्रगति के बारे में जानकारी दी, जिससे महिला नेताओं के उत्साह और प्रेरणा के कारण जल्द ही अधिक से अधिक गांव ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में आ जाएंगे। ओडीएफ प्लस मॉडल गांव अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए रखते हैं, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था करते हैं और देखने में स्वच्छ होते हैं।

अपर सचिव और मिशन निदेशक, जेजेएम श्री चंद्र भूषण कुमार, ने कार्यक्रम का संदर्भ नारी सशक्तिकरण को बताया, क्योंकि महिलाओं ने एसबीएम-जी सहित सभी क्षेत्रों में खुद को नेतृत्वकर्ताओं  और चेंजमेकर्स में बदल दिया है। स्वच्छता यात्रा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें ' अपनी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करना चाहिए, विभिन्न राज्यों से सीखते हुए, ' संपूर्ण स्वच्छता के लिए जन भागीदारी' पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए ।

A person standing at a podiumDescription automatically generated

इस कार्यक्रम ने "स्वच्छता शक्ति: जमीनी स्तर पर भारत की स्वच्छता स्थिति को बदलने वाली महिलाओं की कहानियां" पर भी प्रकाश डाला, जो इन समर्पित महिलाओं के अनुकरणीय कार्यों के लिए एक आदर है।

अपनी बातचीत के दौरान, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि एसबीएम की सफलता 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण, 5 लाख से अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किए जाने और 4 लाख से अधिक गांवों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था से स्पष्ट है। ये उपलब्धियाँ कोई छोटी उपलब्धि नहीं हैं, फिर भी ये इतनी बड़ी नहीं हैं कि हम अपनी उपलब्धियों पर सुस्ताने लगें।' उन्होंने एसबीएम-जी के मिशन को 'दीर्घकालिक प्रयास' बताया और कहा महिला चेंजमेकर्स के साथ बातचीत करना विशेष है क्योंकि महिलाओं ने हमेशा स्वच्छता की यात्रा को आगे ले जाने में, एक नई गति, नई ऊर्जा और एक नया जीवन प्रदान किया है। हमें और अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित करके एसबीएम-जी आंदोलन पर आगे बढ़ना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने महिला चेंजमेकर्स से सहयोग मांगते हुए उनसे एसबीएमजी संपत्तियों के लिए समुदाय में स्वच्छता की संस्कृति और स्वामित्व की भावना पैदा करने में मदद करने का अनुरोध किया। .'

A person standing at a podium with a microphoneDescription automatically generated

कार्यक्रम में उपस्थित महिला चैंपियनों की सराहना करते हुए, श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि आप सभी मिलकर अद्वितीय स्थलाकृति और इलाके के साथ,'विभिन्न राज्यों से आने वाली महिलाशक्ति को प्रेरणा देते हैं, आप सभी को एक साथ जोड़ने वाला सामान्य सूत्र स्वच्छता कार्यक्रम और मिशन के लिए अटूट प्रतिबद्धता है। एक स्वच्छ राष्ट्र की खोज में सामूहिक प्रयास करते हुए, भौगोलिक सीमाओं के पार, एकता की सच्ची भावना का प्रतीक हैं।" यह विविधता में एकता, मेरे विश्वास को मजबूत बनाती है कि आपके समर्पण और कड़ी मेहनत से, भारत स्वच्छता में दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करेगा। एसबीएम ने एक क्रांति के माध्यम से दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन का अभियान चलाया है, जिससे डायरिया से होने वाली मौतों को रोकने, पोषण और उत्पादकता में सुधार करने में मदद मिली है। हमें प्रौद्योगिकी समाधानों को देखना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अपने समुदाय, विभागों के साथ सहयोग करने, और एसएचजी के साथ जुड़ कर महिलाओं का समर्थन करने के प्रयासों में दृढ़ता से प्रतिबद्ध रहें। हमारे काम को आकार देने में आप सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

A person holding a microphone in front of a crowdDescription automatically generated

अपने समापन भाषण में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, हमारे साथ अपने अनुभव साझा करने वाली सभी बदलाव निर्माताओं को अपने गांव वापस जाकर, घर के लोगों को देश भर में स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों के बारे में बताना चाहिए। उन्हें पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से व्यवहार्य प्रथाओं का पालन करने और क्रॉस लर्निंग के लिए हमारे डिजिटल हैंडल का अनुसरण करने की प्रेरणा दें। उन्होंने कहा "मुझे विश्वास है कि यह कार्यक्रम आकर्षक रहा और इसने आपको अधिक समर्पण के साथ काम करते रहने के लिए प्रेरित किया है और मुझे यकीन है कि आपके द्वारा स्थापित उदाहरण को देखकर, अन्य लोग भी सीखेंगे और 'संपूर्ण स्वच्छ भारत' के निर्माण में योगदान देंगे।"

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Advertisement