उज्जैन निवासी मुन्नीबाई पति मोहनलाल ललावत दूसरों के घरों में साफ-सफाई का काम करती हैं। उनके पति मजदूरी करते हैं। पहले वे कच्चे मकान में रहा करते थे। टीन से ढंकी कच्चे मकान की छत से बारिश के दौरान अक्सर पानी टपकता था। कच्चे मकान में अक्सर जहरीले जानवर के आने का डर बना रहता था। उन्हें शौच के लिये बाहर जाना पड़ता था। सीमित आमदनी के कारण वे स्वयं का पक्का मकान बनाने में असमर्थ थे। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्का मकान बनवाने के लिये सहायता राशि प्राप्त हुई। इससे उनके जीवन में बहुत परिवर्तन हुआ है। मुन्नीबाई अब अपने परिवार के साथ पक्के मकान में निवास कर रही हैं। इसके लिये वे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का धन्यवाद देती हैं।