Dec 17, 2025, 12:31 ISTChhattisgarh

छत्तीसगढ़ में बड़ा नक्सल सरेंडर: 84 लाख के इनामी 34 नक्सलियों ने डाले हथियार, 7 महिलाएं भी शामिल

बीजापुर

 छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को सात महिलाओं समेत 34 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें आठ-आठ लाख रुपये के इनामी पांच प्रमुख नक्सली भी शामिल हैं। इनमें में 45 वर्षीय पांड्रू पुनेम, 25 वर्षीय रुकनी हेमला, 22 वर्षीय देवा उइका, 27 वर्षीय रामलाल पोयम और 21 वर्षीय मोटू पुनेम शामिल हैं। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि इनमें से 26 नक्सलियों पर सामूहिक रूप से 84 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को कौशल विकास प्रशिक्षण और 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी।

सात महिलाओं ने भी किया सरेंडर

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) जितेंद्र यादव ने बताया कि 7 महिलाओं सहित 34 नक्सलियों ने यहां वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों के समक्ष सरेंडर किया। उन्होंने बताया कि यह नक्सली माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, तेलंगाना राज्य कमेटी और आंध्र ओडिशा सीमा डिवीजन में सक्रिय थे। अधिकारी ने बताया कि सरेंडर करने वाले प्रमुख नक्सलियों में पांड्रू पुनेम (45), रुकनी हेमला (25), देवा उइका (22), रामलाल पोयम (27) और मोटू पुनेम (21) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम है। 

सरकार की ओर से दी जाएंगी सुविधाएं

एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि पुनर्वास नीति के तहत, सरेंडर करने वाले कैडरों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं जैसे कौशल विकास प्रशिक्षण और अन्य सुविधाओं के साथ-साथ 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को हिंसा छोड़ने के लिए आकर्षित कर रही है। एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि सरेंडर करने वालों नक्सलियों के परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें।

दो साल में 2200 से अधिक नक्सलियों ने किया सरेंडर

एसपी ने बताया कि सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, पिछले दो सालों में दंतेवाड़ा जिले में 824 माओवादियों ने हिंसा छोड़ दी है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में शीर्ष माओवादियों सहित 2200 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है। केंद्र सरकार ने मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।

सरेंडर करने वाले नक्सली

  1. पंडरू पूनेम उर्फ संजू (45), बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के मेटापाल एर्रापारा का रहने वाला. इनाम- 8 लाख रुपये.
  2. रूकनी हेमला (25), बासागुड़ा थाना क्षेत्र के कोरसागुड़ा मेटापारा गांव निवासी. इनाम- 8 लाख रुपये.
  3. देवा उईका (22), बासागुड़ा के सुकनपल्ली कुंजामपारा गांव निवासी. इनाम- 8 लाख रुपये.
  4. रामलाल पोयाम उर्फ रामलू (27), जांगला थाना क्षेत्र के कोतरापाल काकड़पारा निवासी. इनाम- 8 लाख रुपये.
  5. मोटू पुनेम उर्फ रवि (21), हिरोली सरपंचपारा निवासी. इनाम- 8 लाख रुपये.
  6. मीना माड़वी उर्फ जमली (26), एड़समेटा कड़ियापारा निवासी. इनामी- 5 लाख रुपये.
  7. सुदरू पुनेम (27), एड़समेटा निवासी. इनाम- 5 लाख रुपये
  8. लिंगे कुंजाम उर्फ सुमित्रा (25), दुरनदरभा कुरसमपारा निवासी, सुकमा. इनाम- 5 लाख रुपये.
  9. पाले उईका (25), मल्लेपल्ली स्कूलपारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये.
  10. सुखराम उरसा उर्फ गंगा (21), तुर्रेनार सरपंचपारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये.
  11. दिनेश करटाम उर्फ बामड़ा (30), दुरधा डोडरेपारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये.
  12. शंकर पोडियाम (25), परकेली स्कूलपारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये.
  13. सुखराम पोडियम (25), हकवा बोटेमपारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये
  14. मुन्ना पोयाम (35), जप्पेली स्कूलपारा निवासी बीजापुर. इनामी- 2 लाख रुपये.
  15. सुखमती बोड्डू (39), कमकानार तेलगापारा निवासी बीजापुर. इनाम- 2 लाख रुपये.
  16. लक्ष्मण गोंदे उर्फ डेंगा (25), पदमुर नदीपारा निवासी, बीजापुर. इनाम 2 लाख रुपये.
  17. लक्ष्मण हेमला (31), घुमरा थना नैमेड़ जिला बीजापुर इनाम- 2 लाख रुपये
  18. अर्जुन बोड्डू (29), कमकानार तेलगापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर इनाम- 2 लाख रुपये.
  19. पण्डरू मड़कम उर्फ सलीम (30), कोतरापाल लक्खापारा थाना जांगला जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  20. राजू कुरसम उर्फ दुरूम (22) ईसुलनार स्कूलपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  21. सोमारू मड़कम (25) कोतरापाल काकडीपारा थाना जांगला जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  22. संतो पोड़ियाम ऊर्फ संतोषी (20) पोंदुम कर्रेपारा थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  23. हिड़मा माड़वी ऊर्फ गुडडी (20) कोतरापाल लक्खापारा थाना जांगला जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  24. सुखमती उरसा (26) पोमरा पटेलपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  25. चमरू ओयाम (46) पदमुर सरपंचपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर इनाम- 1 लाख रुपये.
  26. पण्डरू बड़दी (47), बीजापुर
  27. पायकू ओयाम (45), बीजापुर
  28. सुखराम तेलम (33), बीजापुर
  29. जग्गू पोडियम (19), बीजापुर
  30. सन्नू कुरसम (18), बीजापुर
  31. राजू हेमला (40), बीजापुर
  32. फगनू मड़कम (21), बीजापुर
  33. सुरेश कुरसम (20), बीजापुर
  34. मोती उरसा (30), बीजापुर
  35. एसपी ने की नक्सलियों से ये अपील

    बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से अपील करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है. पुनर्वास करने वालों के परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जियें और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. उन्होंने आगे कहा कि माओवादी भ्रामक और हिंसक विचारधाराओं को त्यागकर निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें. सरकार की ‘पूना मारगेम' नीति उनके भविष्य को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान कर रही है.

    सीएम ने भी नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की

        नक्सलियों के समर्पण पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, "पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन, बस्तर में शांति की ओर निर्णायक कदम. बस्तर अंचल में शांति, विश्वास और विकास की दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ी है. बीजापुर जिले में ₹84 लाख के इनामी 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा और लाल आतंक का रास्ता छोड़कर भारतीय संविधान में आस्था जताते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है.

        प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर ठोस और मानवीय प्रयास कर रही है. ‘पूना मारगेम' नीति ने यह सिद्ध किया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं. यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने का नहीं, बल्कि भय से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का निर्णय है.

        सरकार पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका और सामाजिक पुनर्समावेशन के माध्यम से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नया भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं आज भी भटके हुए सभी युवाओं से अपील करता हूं कि हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. छत्तीसगढ़ शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बने, यही हमारा संकल्प है."