रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज अनुपूरक बजट मांग पर चर्चा हुई. सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट आया है. राजस्व व्यय को बढ़ाने की शुरुआत भूपेश बघेल सरकार ने की. कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी को राजनीतिक विषय बनाया. छत्तीसगढ़ में नए क्षेत्रों में रोजागर का सृजन हो, इस दिशा में काम करना होगा. ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता देना है, जिसमें छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का हित हो.
अजय चंद्राकर ने कहा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति दुनियाभर में सबसे समृद्ध संस्कृति है. इसे दुनियाभर के लोगों तक लेकर जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने दिल्ली तक लेकर जाएं. अलग-अलग दुनिया के दूतावास के अधिकारियों को दिखाया जाए. इस दिशा में प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा, बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास को लेकर जल्द से जल्द काम होना चाहिए.
चंद्राकर ने कहा, कृषि क्षेत्र आज भी रोजगार का सबसे मजबूत क्षेत्र है. राज्य की ओर से कृषि अनुसंधान केंद्रों को पैसा नहीं मिल रहा है. इसकी चिंता की जाए. महिला स्व-सहायता समूह की अवधारणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की थी, जिससे आज कुटीर और पारंपरिक उद्योगों के साथ रोजगार के साधन बने. महिलाएं मजबूत हुई है. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में 42 प्रतिशत से आबादी एससी-एसटी की है. उनके हित के बारे में हमारी सरकार बेहतर काम कर रही है.
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र बोले – सरकार का विजन स्पष्ट नहीं
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ आज कर्ज में डूबते जा रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि 35 हजार करोड़ का भारी-भरकम अनुपूरक बजट की मांग क्यों की जा रही है. वह भी वित्तीय वर्ष के ठीक 3 महीने पहले. मुझे इस अनुपूरक बजट में ऐसी कोई बात दिख नहीं रही है.
उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में आज महिलाओं के साथ क्या हो रहा है ? महतारी वंदन के नाम पर 1 हजार दिया जा रहा है, लेकिन बिजली बिल पर उससे ज्यादा लिया जा रहा है. सरकार इवेंट मैनेजमेंट पर फोकस है. सरकार कार्यक्रम ज्यादा आयोजित कर रही है, काम कम हो रहा है. उत्सव जनता को मनाने दिया जा रहा है. सरकार उत्सव मनाने के लिए बजट खर्च कर रही है. दरअसल सरकार का विजन क्या है, यह स्पष्ट नहीं है. इस अनुपूरक बजट में भी कोई विजन नहीं है.
विधायक राघवेंद्र ने कहा, नए पदों पर भर्ती की बात की थी, इसमें कुछ नहीं है. अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही गई थी, अब तक नहीं की गई है. धान बेचने के लिए 5 प्रतिशत किसानों का पंजीयन ही नहीं हो पाया. किसानों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है. गिरदावरी का काम नए लड़कों से करा लिया गया. सड़क, धान, आदिवासी, किसान, युवा, महिलाओं के विकास पर लक्ष्य निर्धारित कर काम करना होगा.
