Apr 20, 2023, 19:20 IST

प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाये कि पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिये।

प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाये कि पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिये।

विदिशा जिले में जैसा कि देखने मे आ रहा हैकि पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में जिले का तापमान 40 डिग्री पहुंच रहा है।

  आगे भी तापमान बढ़ने की आशंका हैजिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

            मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस एस कुशवाहा र्ने बताया है कि हीट स्ट्रोक (सन स्ट्रोक) शरीर की वह अवस्था हैजिसमें गर्मी के कारण शरीर का तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियस (104.0 डिग्री फारेनहाइट) के पास पहुँच जाता हैमन में उलझन की स्थित रहती है। यह स्थिति एकाएक आ सकती है या धीरे-धीरे इस समस्या की जटिल अवस्था होने पर किड्नी पर असर पड़ सकता है । लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न मिले तो अनेक प्रकार की शारीरिक परेशानियां भी हो सकती है।

 लू के लक्षण 

            सीएमएचओ डॉ. कुशवाहा ने बताया कि सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होनातेज बुखार के साथ मुंह का सूखनाचक्कर और उल्टी आनाकमजोरी के साथ शरीर में दर्द होनाशरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न जानाअधिक प्यास लगना और पेशाब कम आनासूख कम लगनाबेहोश होना आदि लू के लक्षण हो सकते है।   

    

 लू से बचाव के उपाय

 

             लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहियें। जिनमें बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जायेधूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह बांध लेंपानी अधिक मात्रा में पीयेअधिक समय तक धूप में न रहेगर्मी के दौरान नरममुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिएताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आरएस घोल पीये। चक्कर आने मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेयजल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रसलस्सीमट्ठा आदि का सेवन करें। उल्टीसर दर्दतेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में  डाक्टर को जरुर दिखाएं और चिकित्सक की जरूरी सलाह का पालन करें।

 सीएमएचओ डॉ. कुशवाहा ने बताया कि बच्चे बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति घर से बाहर कम निकलेविशेषत दोपहर में 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर ना जाऐं।

लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार

बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायेअधिक पानी व पेय पदार्थ पिलावे जैसे कच्चे आम का पनाजलजीरा आदिपीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवेशरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहेपीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले आयेआशाए.एन.एम से ओआरएस की पैकेट हेतु संपर्क करेंचिकित्सालयों में लू के प्रबंधन एवं बचाव जिले में लू के प्रबंधन एवं बचाव हेतु जिले के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन के लिये व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया जाये। वार्ड में शीतलता हेतु कूलर अथवा अन्य उपाय किया जायें। बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जायें। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाये कि पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिये।