Apr 26, 2023, 00:53 IST

दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली में 160 ग्राम गेहूँ की रोटी (लगभग 5) सब्जी, दाल, चावल रहता है।

दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली में 160 ग्राम गेहूँ की रोटी (लगभग 5) सब्जी, दाल, चावल रहता है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई केबिनेट में आज दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना में तृतीय चरण को मंजूरी दी गयी है। तृतीय चरण में 25 चलित रसोई केन्द्र और 20 नये स्थायी रसोई केन्द्र बनेंगे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी हैकि 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 4 नगरीय निकायों में 11 चलित रसोई केन्द्र और शेष 12 नगर पालिक निगमों एवं पीथमपुर तथा मंडीदीप में एक-एक नवीन चलित रसोई केन्द्र शुरू किये जायेंगे।

नगरपालिक निगम भोपाल में 4, इंदौर में 3, ग्वालियर और जबलपुर में 2-2, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, रीवा, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में एक-एक तथा नगरपालिका परिषद पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केन्द्र शुरू होंगे।

नवीन रसोई केन्द्र

बीस हजार से 50 हजार जनसंख्या वाले नगरीय निकाय मंडीदीप, आष्टा, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघौगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीथमपुर, गाड़रवाड़ा, बीना, खुरई, मकरोनिया, बुजुर्ग, जावरा, शुजालपुर, नागदा, मालथौन और बुधनी में एक-एक नवीन रसोई केन्द्र की स्थापना की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि जरूरतमंदों को किफायती दर पर पौष्ठिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 51 जिला मुख्यालयों के 56 केन्द्रों में दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना (प्रथम चरण) प्रारंभ की गई। द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों में 94 एवं 6 धार्मिक नगरियों (मैहर, चित्रकूट ओंकारेश्वर, महेश्वर ओरछा एवं अमरकंटक) के कुल 100 रसोई केन्द्रों में विस्तार किया गया।

मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि दीनदयाल अन्त्योदय रसोई में केवल स्थाई केन्द्र संचालित होने से कई ऐसे जरूरतमंद लोग जो स्थाई केन्द्र तक नहीं पहुँच पाते, इस योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। तैयार भोजन चलित रसोई केन्द्र में लेकर हितग्राहियों को वितरित किया जा सकेगा। दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली में 160 ग्राम गेहूँ की रोटी (लगभग 5) सब्जी, दाल, चावल रहता है।