Jun 17, 2025, 14:27 ISTMadhya Predash

अरब के खिलाफ IAS नियाज खान ने खोला मोर्चा, बोले- भारत को अरब की संस्कृति से बचाना होगा

अरब के खिलाफ IAS नियाज खान ने  खोला मोर्चा, बोले- भारत को अरब की संस्कृति से बचाना होगा

अरब के खिलाफ IAS नियाज खान ने  खोला मोर्चा, बोले- भारत को अरब की संस्कृति से बचाना होगा

भोपाल
 मध्यप्रदेश के चर्चित आईएएस नियाज खान एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वे अरब कंट्री और इस्लाम को लेकर चर्चा में है। उन्होंने अरब देश के कल्चर के खिलाफ मोर्चा खोला है। सोशल मीडिया एक्स (X) पर नियाज खान ने लिखा-

इस्लाम अरब के लोगों ने फैलाया और परिणाम भारत के तीन हिस्से हो गए। भविष्य में अरब संस्कृति को भारत में घुसने नहीं दिया जाएगा। अभी भी कहीं कहीं अरब का लिबास, एक लंबा कपड़ा और सर पर रिंग लगा कपड़ा देखने को मिलता है। ऐसे लोग जो सूखभोगी अरब के कपड़े पहनते हैं वे भारत के लिए बंद कर दें।

भारत को अब अरब नहीं बनने दिया जाएगा

नियाज खान ने लिखा- यहां की संस्कृति का सभी मुस्लिम भाई सम्मान करना सीखें। भौतिक सुख और विलासिता में डूबे अरबी हमारे नहीं हैं। यहां के हिंदू हमारे हैं क्यों कि हम सब यहीं से निकले हैं। अरब के लोगों को केवल धन से मतलब है यहां के मुसलमानों से कुछ लेना देना नहीं है।

नॉवेल राइटर और हाल में अपना पहला नॉवेला लिखने वाले एमपी कैडर के आईएएस खान ने मंगलवार सुबह एक्स पर किए ट्वीट में कहा है कि भौतिक सुख और विलासिता में डूबे अरबी हमारे नहीं हैं। यहां के हिंदू हमारे हैं क्योंकि हम सब यहीं से निकले हैं। अरब के लोगों को केवल धन से मतलब है। यहां के मुसलमानों से कुछ लेना देना नहीं है।

एक अन्य ट्वीट में खान ने लिखा है कि इस्लाम अरब के लोगों ने फैलाया और परिणाम भारत के तीन हिस्से हो गए। भविष्य में अरब संस्कृति को भारत में घुसने नहीं दिया जाएगा। अभी भी कहीं-कहीं अरब का लिबास, एक लंबा कपड़ा और सर पर रिंग लगा कपड़ा देखने को मिलता है। ऐसे लोग जो सुखभोगी अरब के कपड़े पहनते हैं वे बंद कर दें भारत के लिए।

यह ट्वीट भी किए हैं आईएएस खान ने

    15 जून को आईएएस अफसर खान ने ट्वीट किया है कि कई बार लोग अपनी विचारधारा छिपा कर रखते हैं। दिखाते कुछ और हैं होते कुछ और हैं पर देर सबेर सत्य सबके सामने आ जाता है।

    इसी दिन एक अन्य ट्वीट में लिखा कि पश्चिमी देश जिन्होंने एशियाई, अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी काले या अश्वेत देशों को गुलाम बनाया, वे आज भी पर्दे के पीछे से खेल खेल रहे हैं। काले या अश्वेत देश एक दूसरे के खिलाफ निरंतर संघर्ष में हैं और पश्चिम इसका आनंद ले रहा है। श्वेत नस्ल भरोसेमंद नहीं है

    12 जून को किए ट्वीट में खान ने लिखा कि देश का आध्यात्मिक विकास करना है तो चारों शंकराचार्यों को सर्वोच्च सम्मान देना होगा। इनके विरुद्ध कभी भी कोई नकारात्मक टिप्पणी न की जाए।