Dec 9, 2025, 14:31 ISTMadhya Predash

21 दिसंबर को भोपाल मेट्रो की शुरुआत: खजुराहो में बोले CM मोहन यादव, CMRS ने दी हरी झंडी, PM का आना तय नहीं

भोपाल
 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। झीलों की नगरी भोपाल के लिए दिसंबर का महीना ऐतिहासिक होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खजुराहो कन्वेंशन सेंटर से यह बड़ा ऐलान किया है कि 21 दिसंबर को भोपाल मेट्रो ट्रेन की शुरुआत होगी। सीएमआरएस (CMRS) से हरी झंडी मिलने के बाद अब शहरवासियों का बरसों पुराना इंतजार खत्म होने जा रहा है।

क्या कहा सीएम ने
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार ने पिछले दो साल के कार्यों की समीक्षा की है और अगले तीन साल के लक्ष्यों को भी तय कर लिया है। उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर को मेट्रो के साथ विकास की कई अन्य सौगातें भी राजधानी को मिलेंगी। इसके साथ ही 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर राज्य में दो लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश की आधारशिला भी रखी जाएगी।सीएम ने कहा- तकनीकी लिहाज से भोपाल मेट्रो अब पूरी तरह तैयार है। कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) नीलाभ्र सेनगुप्ता की टीम ने नवंबर में तीन दिनों तक ट्रैक, डिपो और ट्रेन के नट-बोल्ट तक का गहन निरीक्षण किया था। अधिकारियों के मुताबिक, ऑरेंज लाइन का 6.22 किलोमीटर लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर कमर्शियल रन के लिए तैयार है। इसमें सुभाष नगर से एम्स (AIIMS) तक कुल 8 स्टेशन बनाए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को पहली मेट्रो रेल की सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने सोमवार को खजुराहो के कन्वेंशन सेंटर में प्रेस से चर्चा करते हुए यह बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि भोपाल मेट्रो की शुरुआत 21 दिसंबर को होगी।

​मुख्यमंत्री ने कहा, "21 तारीख को भोपाल में मेट्रो ट्रेन समेत विकास की कुछ और सौगातें जनता को दिलाई जाएंगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसके अलावा, 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी के समापन के अवसर पर दो लाख करोड़ रुपये के उद्योगों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया जाएगा।

​बता दें कि मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए पहले ही 'ग्रीन सिग्नल' दे चुके हैं। कमिश्नर नीलाभ्र सेनगुप्ता के नेतृत्व में CMRS टीम ने 12 से 15 नवंबर के बीच तीन दिनों तक डिपो, ट्रैक और ट्रेन का गहन निरीक्षण किया था, जिसमें मेट्रो के नट-बोल्ट तक की जांच की गई थी। हालांकि, भोपाल मेट्रो के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश आना अभी तय नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि बीते कई महीनों से भोपालवासियों को इस पल का इंतजार था। अब जब इसकी तारीख की घोषणा हो गई है, तो शहरवासी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। खुद सीएम मोहन यादव की घोषणा के बाद जनता को यकीन है कि तय समय पर मेट्रो शुरू हो जाएगी।

कौन-कौन से स्टेशन में होगा स्टॉपेज
अधिकारियों ने बताया कि सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम तिराहा, अलकापुरी और एम्स शामिल हैं। हालांकि स्टेशनों पर फिनिशिंग का कुछ काम शेष है, लेकिन विशेषज्ञों का दावा है कि इससे मेट्रो के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भोपाल अब उस क्लब में शामिल होने जा रहा है जहां आधुनिक यातायात प्रणाली न केवल समय बचाएगी, बल्कि शहर के प्रदूषण और जाम की समस्या से भी निजात दिलाएगी।
कितना होगा किराया
मेट्रो का किराया पहले से ही तय कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो संचालन के पहले 7 दिन तक लोग मेट्रो में फ्री सफर कर सकेंगे। उसके बाद लोग अगले तीन महीने तक कम छूट पर मेट्रो का सपर कर सकते हैं।

अफसर बोले- काम बचा लेकिन कमर्शियल रन पर असर नहीं भोपाल मेट्रो से जुड़े अफसरों का कहना है कि ऑरेंज लाइन के कमर्शियल रन के लिए वे सभी काम पूरे हो चुके हैं, जो जरूरी हैं। स्टेशनों का कुछ काम जरूर बचा है, लेकिन उससे कमर्शियल रन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन का प्रायोरिटी कॉरिडोर 6.22 किलोमीटर लंबा है। इसमें कुल 8 स्टेशन- सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम तिराहा, अलकापुरी और एम्स शामिल हैं।

किराया तय, 7 दिन फ्री सफर मेट्रो में सफर के लिए किराया भी लगभग तय किया जा चुका है। एमपी नगर स्टेशन पर तो किराया सूची भी चस्पा कर दी गई है। हालांकि, मेट्रो कॉर्पोरेशन ने आधिकारिक रूप से किराए का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इंदौर जैसा मॉडल ही अपनाए जाने की बात कही जा रही है।

अफसरों की मानें तो 7 दिन तक लोग मेट्रो में फ्री सफर कर सकेंगे। वहीं, 3 महीने तक टिकट पर 75%, 50% और 25% की छूट दी जाएगी। छूट खत्म होने के बाद सिर्फ 20 रुपए में मेट्रो का सफर किया जा सकेगा। अधिकतम किराया 80 रुपए होगा। 31 मई को इंदौर में चलाई गई मेट्रो के लिए भी यही मॉडल रहा था।

अधिकतम 80 रुपए किराया तब होगा, जब ऑरेंज लाइन के रूट का काम पूरा हो जाएगा।

30 से 80 किमी प्रति घंटा रहेगी मेट्रो की स्पीड भोपाल के सुभाष नगर से एम्स तक मेट्रो कोच को ट्रैक पर दौड़ाकर ट्रायल रन किया जा रहा है। ट्रायल रन में न्यूनतम 30 और अधिकतम 80 किमी प्रतिघंटा रफ्तार रखी जा रही है। बीच-बीच में 100 से 120 किमी की रफ्तार से भी मेट्रो दौड़ाई जा रही है।

ट्रेन की तर्ज पर मेट्रो में भी मैनुअल टिकट लेनी पड़ेगी मेट्रो का टिकट सिस्टम ऑनलाइन न होकर मैनुअल ही रहेगा। जैसे आप ट्रेन में टिकट लेकर सफर करते हैं, वैसे ही मेट्रो में भी कर सकेंगे। इंदौर में अभी यही सिस्टम है। भोपाल और इंदौर मेट्रो में ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लगाने वाली तुर्किए की कंपनी 'असिस गार्ड’ से काम छिनने और नई कंपनी के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू किए जाने से यह स्थिति बनेगी।

बता दें कि असिस गार्ड का मामला पिछले 4 महीने से सुर्खियों में था। आखिरकार अगस्त में असिस गार्ड का टेंडर कैंसिल कर दिया गया। नई कंपनी के लिए टेंडर भी कॉल किए हैं। इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है।

मैनुअल टिकट ही एकमात्र ऑप्शन अफसरों ने बताया कि असिस गार्ड कंपनी इंदौर में भी मेट्रो स्टेशनों पर सिस्टम लगा रही थी, लेकिन विवाद के बाद इंदौर में मैनुअल टिकट ही ऑप्शन बचा था।

पिछले 6 महीने से इंदौर में ट्रेन जैसा ही सिस्टम है। इसमें मेट्रो के कर्मचारी ही तैनात किए गए हैं। यही ऑप्शन अब भोपाल मेट्रो के लिए भी बचा है। दरअसल, 'असिस गार्ड’ के जिम्मे ही सबसे महत्वपूर्ण ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन यानी किराया लेने की पूरी प्रक्रिया का सिस्टम तैयार करने का काम था। जिसमें कार्ड के जरिए किराया लेने के बाद ही गेट खुलना भी शामिल है। यह कंपनी सिस्टम का पूरा मेंटेनेंस भी करती।

अब अनुबंध खत्म होने पर नई कंपनी काम करेगी, लेकिन उसे टेंडर और फिर अन्य प्रक्रिया से गुजरने में समय लगेगा। इसलिए मेट्रो कॉर्पोरेशन भोपाल में भी मैनुअली टिकट सिस्टम ही लागू कर सकता है। अफसरों के अनुसार, मैनुअली सिस्टम के लिए अमला तैनात किया जा रहा है।

पिक एंड ड्रॉप की व्यवस्था ही रहेगी भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन के 8 स्टेशनों में से एक भी स्टेशन पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को अपनी गाड़ियां खड़ी करने के लिए मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी।

मेट्रो स्टेशनों पर सिर्फ पिक एंड ड्रॉप की व्यवस्था ही रहेगी। यानी, यात्री किसी गाड़ी से उतर और चढ़ सकेगा, लेकिन अपने वाहन यहां खड़े नहीं कर सकेगा। सूत्रों के अनुसार, मेट्रो कॉर्पोरेशन स्टेशन के नीचे आउटलेट्स बनाएगा। ऐसे में स्टेशन के नीचे पार्किंग की व्यवस्था नहीं मिलेगी।

इस मुद्दे पर मेट्रो अफसरों का कहना है कि पार्किंग के लिए व्यवस्था कर रहे हैं ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

प्रायोरिटी कॉरिडोर के बाद यह होगा भोपाल में सुभाष नगर से एम्स तक प्रायोरिटी कॉरिडोर है। इसमें कुल 8 स्टेशन बने हैं। यहां पर कमर्शियल रन पूरा होने के बाद पूरा फोकस ऑरेंज लाइन के दूसरे फेज के हिस्से सुभाष नगर से करोंद तक रहेगा। वहीं, ब्लू लाइन भदभदा से रत्नागिरी के बीच का काम भी तेजी से निपटाया जाएगा।

क्या है CMRS की ‎भूमिका? सीएमआरएस टीम किसी भी‎ मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सुरक्षा की‎ अंतिम स्वीकृति देती है। उसकी‎ रिपोर्ट के बाद ही मेट्रो से यात्रियों‎ का संचालन शुरू किया जा‎ सकता है।‎

बता दें कि इससे पहले सरकार ने भोपाल में अक्टूबर में मेट्रो दौड़ने का टारगेट रखा था। सितंबर और अक्टूबर में सीएमआरएस के दो अहम दौरे भी हो चुके थे। पूर्व मेट्रो कमिश्नर जनक गर्ग ने टीम के साथ सुभाष नगर स्थित मेट्रो डिपो और प्रायोरिटी कॉरिडोर के 6.22 किलोमीटर रूट को देखा था। वे ट्रेन में सवार हुए थे।