भोपाल : 30 सितम्बर, 2024
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वस्थ पीढ़ी के लिए विवाह पूर्व जन्म कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी सिकल सेल जेनेटिक काऊंसलिंग कार्ड का मिलान करना है, क्योंकि यदि सिकल सेल रोगी और वाहक आपस में विवाह करते हैं, तो निश्चित ही उनकी सन्तान सिकल सेल रोग से ग्रसित होगी। यदि पति-पत्नी दोनों इस रोग के वाहक हैं, तो भी उनकी भावी सन्तान सिकल सेल से प्रभावित होगी, इसकी ज्यादा संभावना रहती है। राज्यपाल श्री पटेल ने सिकल सेल एनीमिया रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने और अपने घर का पका भोजन ही करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति अपनी दिनचर्या में नियमित पौष्टिक आहार, योग और व्यायाम को शामिल करें।
राज्यपाल श्री पटेल सोमवार को शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में आयोजित सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर को संबोधित कर रहे थे। जनजातीय कार्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्क्रीनिंग शिविर में जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम के लिए गर्भधारण के पूर्व और गर्भावस्था में भी मेडिकल काऊंसलिंग बहुत जरूरी है। अब जन्म के 72 घंटों में सिकल सेल का पता लगने पर नवजात शिशुओं के विशेष उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने संबंधित विभागों को सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए लक्षित प्रत्येक व्यक्ति की अत्यंत गंभीरता से स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए।
सिकल सेल जागरूकता के लिए बेटियाँ आगे आयें
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मातृ-शक्ति का विशेष महत्व है। सिकल सेल उन्मूलन के लिए बेटियों का योगदान जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल जागरूकता के लिए बेटियां आगे आयें और अपने करीबियों, रिश्तेदारों व आस-पड़ौस के लोगों को इस रोग के बारे में बताएं और रक्त की जांच कराने को कहें। राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित जनों से अपील की कि सिकल सेल रोग के लक्षण, रोकथाम और उन्मूलन के प्रयासों में हर व्यक्ति सक्रिय योगदान करे। मानवता की सेवा के इस पुनीत कार्य के प्रति हमेशा संवेदनशील रहें। उन्होंने 2047 तक भारत को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त बनाने के संकल्प के लिए सामूहिक सहभागिता का आहवान किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन और जनजातीय वीरनायकों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण के साथ किया। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह और कन्या महाविद्यालय छात्रावास की बालिकाओं ने राज्यपाल श्री पटेल का पुष्प-गुच्छ भेंट कर आत्मीय अभिनंदन किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री पटेल ने कन्या महाविद्यालय छात्रावास की छात्राओं को उपहार भी दिये।
व्यवस्था कर रहे हैं कि एक नर्स हर महीने छात्रावासी विद्यार्थियों की जांच करें
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के सिकल सेल उन्मूलन मिशन में राज्यपाल श्री पटेल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री शाह ने जनजातीय हितों के लिए राज्यपाल श्री पटेल के मार्गदर्शन में राजभवन में स्थापित किए गए 'जनजातीय प्रकोष्ठ' की मुक्त-कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री पटेल जनजातीय वर्ग के प्रति अत्यंत ही संवेदनशील हैं। श्री पटेल के प्रयासों से ही प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन का कार्य मिशन मोड पर तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित सभी छात्रावासों में एक नर्स हर महीने जायेगी और छात्रावासी विद्यार्थियों की रक्त जांच करेगी।
72 लाख से अधिक लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग हो चुकी है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की उप संचालक डॉ. रूबी खान ने इस स्क्रीनिंग शिविर के उद्देश्यों और सिकल सेल रोग के लक्षणों, रोग की पहचान, रोकथाम एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत अबतक प्रदेश में 72 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। मिशन के लक्ष्य के तहत एक करोड़ लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है। कार्यक्रम में कन्या महाविद्यालय छात्रावास की सिकल सेल एनीमिया पॉजिटिव छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार ने दिया। आभार जनजातीय कार्य विभाग के संभागीय उपायुक्त श्री नरोत्तम वरकड़े ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में राजभवन के जनजातीय प्रकोष्ठ के सचिव श्री अमरपाल सिंह, जनजातीय कार्य विभाग की उप सचिव एवं संचालक, जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाएं श्रीमती वंदना वैद्य, प्रभारी निदेशक बी.एम.एच.आर.सी. श्रीमती मनीषा श्रीवास्तव, जनजातीय और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कन्या महाविद्यालय छात्रावास की छात्रायें और उनके अभिभावक भी मौजूद थे।
कार्यक्रम के उपरांत राज्यपाल श्री पटेल एवं मंत्री डॉ. शाह ने कन्या महाविद्यालय छात्रावास का अवलोकन कर यहां छात्राओं को दी जा रही सुविधाओं व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।