रीवा । रीवा में 12 करोड़ का चावल घोटाला तीन अधिकारी निलंबितरीवा में 12 करोड़ रुपये से अधिक के चावल घोटाले का मामला सामने आया है, जिसके बाद एक अधिकारी और एक मिलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में तीन अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।घोटाले की जानकारी के अनुसार, लगभग 96 हजार क्विंटल चावल की हेरा-फेरी की गई है। जिस चिट्ठी के आधार पर चावल जमा कराया गया था, वह गलत तरीके से बनाई गई थी, जिसमें एक मिलर की भूमिका भी सामने आई है।रीवा की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस मामले की जांच के लिए एक दल का गठन किया, जिसमें जिला खाद्य अधिकारी और जिला आपूर्ति निगम के अधिकारी शामिल थे। जांच में डिप्टी सीएम के पूर्व पी.ए. का नाम भी सामने आया है, जिससे पूरे मामले में हड़कंप मच गया है।इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें धान और चावल से जुड़े बड़े घोटाले की जानकारी दी गई। यह खेल लंबे समय से चल रहा था और इसमें कई बड़े नाम शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।वर्तमान में एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन द्वारा जांच जारी है और जो चावल एफसीआई में जमा होना था, वह अन्य गोदामों में पाया जा रहा है, जिसे जब्त किया जा रहा है।
रीवा के गलियारों में इन दिनों 12 करोड़ रुपये से अधिक का चावल घोटाला छाया हुआ है. इस मामले के सामने आने के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की. जिसके बाद इस मामले की जांच की गई. टीम ने जांच के बाद रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद अधिकारी लक्ष्मण अहिरवार सहित एक मिलर्स के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश कलेक्टर ने जारी किया. साथ ही तीन अन्य लोगों को निलंबित कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रीवा में 12 करोड़ रुपये से अधिक का चावल घोटाला सामने आया है. यहां लगभग 96 हजार क्विंटल चावल की हेरा फेरी की गई है. जिस चिट्ठी के आधार पर चावल जमा कराया गया था, वो गलत तरीके से बनाई गई थी. जिसमें एक मिलर्स की भूमिका भी निकल कर सामने आई.
12 करोड़ रुपये से अधिक का चावल घोटाला
कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने रीवा जिला खाद्य अधिकारी सहित, जिला आपूर्ति निगम के जिला अधिकारी, के अलावा वेयर हाउस केजिला अधिकारी को शामिल करके एक जांच दल बनाया गया. जिसके बाद इस मामले की जांच की गई. इस घोटाले में डिप्टी सीएम के पूर्व पी. ए. का नाम भी सामने आ रहा था. जिसके चलते जांच टीम ने तमाम बिंदुओं पर बारीकी से जांच की और फिर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें धान और चावल को लेकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया. जैसे ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.
अन्य कई मिलर्स भी निशाने पर
धान का यह खेल रीवा जिले में लंबे समय से खेला जा रहा था. नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि इस खेल में काफी बड़े नाम शामिल है. अभी जो घोटाला सामने आया है, इसमें वर्तमान डिप्टी सीएम के एक पूर्व सचिव का भी नाम सामने आ रहा है. फिलहाल एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन की ओर से लगातार जांच जारी है. सबसे बड़ी बात, जो चावल एफसीआई में जमा करना था वो अन्य गोदाम में पाया जा रहा है. उसे भी लगातार जब्त किया जा रहा है.
इन अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल इस मामले को लेकर काफी सख्त है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गलत तरीके से चिट्ठी जारी करने वाले लक्ष्मण अहिरवार के खिलाफ और जिस मिलर्स ने चिट्ठी जारी कराई थी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा रीवा जिले के सिरमौर के वेयरहाउस के प्रभारी और दो अन्य लोगों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं.