Nov 5, 2024, 13:19 ISTMadhya Predash

मप्र में जानवरों के हमले में मारे लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि अब आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई

मप्र में जानवरों के हमले में मारे लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि अब आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई

भोपाल

मध्य प्रदेश सरकार बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत जंगली जानवरों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।

राज्य सरकार ने उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास एक हाथी द्वारा दो व्यक्तियों को कुचलकर मार डालने की घटना के एक दिन बाद यह घोषणा की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया, ‘‘हमने जंगली जानवरों के हमलों के कारण मौत के लिए मुआवजे की राशि आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है। हमने उमरिया में (हाथियों के हमले में) मारे गए दो लोगों के परिवारों को भी इसके दायरे में शामिल किया है।’’

वन मंत्री प्रदीप अहिरवार द्वारा उमरिया जिले के पीड़ितों के परिजनों को 8-8 लाख रुपये का मुआवजा सौंपने के कुछ घंटों बाद ही मुआवजा राशि में तीन गुना की वृद्धि की गई। उधर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के बफर जोन के बाहर शनिवार को जंगली हाथियों के हमले में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी। अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक की पहचान रामरतन यादव (65) के रूप में हुई है।

बीटीआर के अधिकारी ने बताया, “आज सुबह जब वह रिजर्व के बाहर शौच के लिए गए थे तो जंगली हाथियों ने उन्हें कुचल दिया।’’ उमरिया के मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) विवेक सिंह ने को फोन पर बताया कि यह घटना देवरा गांव में हुई।

इस हफ्ते की शुरुआत में तीन दिनों के अंतराल में बीटीआर में दस हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए, जबकि बुधवार को चार और बृहस्पतिवार को दो की मौत हो गई।

अधिकारियों ने पहले बताया था कि 13 सदस्यीय झुंड में से अब केवल तीन हाथी ही जीवित हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या व्यक्ति को शेष तीन हाथियों ने मारा है, तो अधिकारी ने कहा कि उनकी पहचान का पता लगाना मुश्किल है। बीटीआर के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि झुंड के शेष तीन हाथी कटनी जिले के वन क्षेत्र की ओर बढ़ते देखे गए। वन अधिकारी ने कहा, “यह गतिविधि असामान्य है क्योंकि बीटीआर में पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया है।” बीटीआर पूर्वी मध्यप्रदेश के उमरिया और कटनी जिलों में फैला हुआ है।