खंडवा
खंडवा के सिहाड़ा गांव में मंगलवार सुबह प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। यहां जेसीबी मशीनों के जरिए दरगाह का अतिक्रमण हटाया जा रहा है।वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन को आबादी क्षेत्र घोषित किए जाने और ग्राम पंचायत के पक्ष में फैसला आने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। मौके पर एसडीएम समेत आला अधिकारी मौजूद हैं। सुरक्षा के लिहाज से पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
ग्राम पंचायत ने ट्रिब्यूनल में अपील की थी
समिति के दावे के खिलाफ ग्राम पंचायत ने ट्रिब्यूनल में अपील की थी, जिसमें वक्फ बोर्ड के इस दावे को गलत बताते हुए उल्टे सरकारी जमीन पर दरगाह कमेटी द्वारा कब्जा करने की बात कही गई थी। ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद ग्राम पंचायत द्वारा मंगलवार को शासकीय भूमि से कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई।
इस दौरान गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। राजस्व व पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दरगाह क्षेत्र से तार फेंसिंग सहित गांव के अन्य अतिक्रमण को हटाया गया।
नईदुनिया को ग्रामीणों ने कहा धन्यवाद
वक्फ बोर्ड का दावा खारिज होने से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। इस मामले को नईदुनिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित करने पर सरपंच प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने धन्यवाद ज्ञापित किया है। करीब एक माह पूर्व न्यायालय मप्र स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल भोपाल द्वारा वक्फ बोर्ड की ओर से खसरा क्रमांक 781 रकबा 14.500 हेक्टयर को अपनी संपत्ति बताने का नोटिस जारी किया था। इस रकबे पर पूरा गांव बसा होने से नोटिस को लेकर सिहाड़ा के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। ग्राम पंचायत को 10 नवंबर को वक्फ बोर्ड भोपाल ने पेशी पर उपस्थित होने के लिए कहा था।
सिहाड़ा गांव में करीब 10 हजार हिन्दू- मुस्लिम परिवार
सिहाड़ा गांव में करीब 10 हजार हिन्दू- मुस्लिम परिवार निवासरत हैं। सरपंच प्रतिनिधि हेमंत चौहान ने वक्फ बोर्ड के नोटिस को अपने अधिवक्ता के माध्यम से ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। इसमें खसरा क्रमांक 781 रकबा 14.500 हेक्टयर को सरकारी व आबादी की संपत्ति बताया था।
विदित हो कि सिहाड़ा में ग्राम पंचायत द्वारा शासकीय जमीन पर दुकान निर्माण के लिए दरगाह कमेटी को उस स्थान से तार फेंसिंग हटाने का नोटिस दिया गया था। इस पर दरगाह कमेटी ने इस जमीन सहित पूरे सिहाड़ा गांव की 14.500 हेक्टयर जमीन को अपनी जमीन बताया था।
वक्फ बोर्ड ने पंचायत के पक्ष में सुनाया था फैसला अतिक्रमण का नोटिस मिलने पर मुस्लिम समाज ने इस जमीन पर अपना दावा जताते हुए वक्फ बोर्ड में शिकायत की थी। हालांकि, 5 दिसंबर को वक्फ बोर्ड कमेटी ने मामले की सुनवाई करते हुए दस्तावेज देखे और अपना फैसला सुनाया। बोर्ड ने इस जमीन को आबादी क्षेत्र माना, जिसके बाद ग्राम पंचायत यह केस जीत गई।
