Dec 9, 2025, 20:31 ISTMadhya Predash

तीन दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ का ड्रामा, असली पुलिस आते ही ठग फरार

जबलपुर
स्कूल से सेवानिवृत्त प्राचार्य सायबर ठगी का शिकार होने से बच गई। ठगों ने सेवानिवृत्त प्राचार्य और उनके बुजुर्ग पति को तीन दिन तक डिजिटल अरेंस्ट में रखा। आरोपितों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले से नाम जोड़कर दंपत्ति को डराया।

ठग एटीएस अफसर बनकर मोबाइल पर वीडियो काॅल पर बात कर रहे थे। उनका आरोप था कि दंपत्ति के खाते में पुलवामा हमले के लिए हुई फंडिंग के 70 लाख रुपये आए हैं। फर्जी अफसरों ने दंपंति को एकाउंट को सेनेटाइज करने और पूरी रकम आरबीआई के एकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा।
 
महिला मंगलवार को रकम ट्रांसफर करने घर से निकली, लेकिन अ​धिवक्ता के पास पहुंच गई। अधिवक्ता उन्हें पुलिस के पास लेकर पहुंचे। फिर पुलिस के साथ घर लौटे, तो देखा कि आरोपित वीडियो काॅल पर थे। जैसे ही असल पुलिस अफसर ने बात की, तो आरोपितों ने फोन कट कर दिया। यह घटना बाई का बगीचा इलाके मे हुई। पुलिस एकाउंट नम्बर और फोन नंबर के आधार पर आरोपितों की जानकारी जुटाने में लगी है।
 
वीडियो काॅल में बताया एटीएस के अफसर
    बाई का बगीचा निवासी अमिता ग्रेब्रियल (63) स्कूल से सेवानिवृत्त प्राचार्य है। वे अपने पति एंथोनी ग्रेब्रियल (65) के साथ रहती है। उनके बच्चे विदेश में है।
    छह दिसम्बर की सुबह उनके फोन पर वीडियो काॅल आया। अमिता ने काल उठाया । बात करने वाले ने खुद को एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड) का अफसर बताया।
    धमकाया कि पुलवामा आतंकी हमले में 70 करोड़ रुपए की रा​शि का लेनदेन करने की बात कही। इसमें से 10 प्रतिशत याने 70 लाख उनके एकांउंट में आए थे। अमिता घबरा गई।
    इसके बाद आरोपियों ने घर के ​खिड़की दरवाजे बंद कराए। पर्दे लगवाए और कहा कि वे डिलीटल अरेस्ट हो गए है। कहीं भी आने-जाने और किसी से भी बातचीत पर रोक लगा दी।
    आरोपियों ने गिरफ्तारी वारंट समेत अन्य फर्जी दस्तावेज अमिता को भेजा। उन्हें सिग्नल नाम के एक ऐप में जोड़ा, जिसमें फर्जी एटीएस अफसर जुड़े थे।

एकाउंट नम्बर दिया, घर से निकलीं, कागज में लिखकर बताया
आरोपियों ने अमिता को सोमवार को एक एकाउंट नम्बर दिया। कहा कि वह आरबीआई का एकाउंट है। पूरे 70 लाख रुपए उसमें ट्रांसफर करें। वरना जेल जाना पड़ सकता है। अमिता घबराई हुई घर से निकलीं। पति वीडियोकॉल पर ही थे। अमिता सीधे अ​धिवक्ता अनिल मिश्रा के पास पहुंची। उनका फोन चालू था। तब अमिता ने कागज में लिखकर अ​धिवक्ता को आपबीती बताई।
 
अ​धिवक्ता अमिता को लेकर एसपी आफिस में एएसपी क्राइम ब्रांच जितेन्द्र सिंह के पास पहुंचे। महिला घबराई हुई थी। पूरी बात बताई। इसके बाद वे महिला के साथ उनके घर पहुंचे। जहां पति वीडियोकॉल पर ही थे। एएसपी ने पहले रिश्तेदार बनकर बातचीत की। आरोपी रुपए मांगते रहे, तब उन्होने बताया कि वे एएसी बोल रहे हैं, तो कॉल डिस्कनेक्ट हो गया और दंप​त्ति ठगी का ​शिकार होने से बच गए।