ग्वालियर
नए साल के जश्न को मनाने के लिए शराब पार्टी करने वालों को इस बार अधिक फीस चुकानी होगी। अगर 500 लोगों की पार्टी कोई करता है, तो आयोजक को 25 हजार रुपये खर्च कर शराब परोसने का एक दिन का लाइसेंस लेना होगा। इसी तरह जितनी संख्या बढ़ती जाएगी उतनी फीस भी बढ़ जाएगी।
एक हजार लोगों की शराब पार्टी के लिए एक लाख फीस
एक हजार लोगों की शराब पार्टी के लिए एक लाख रुपये तक फीस है। इस बार की आबकारी नीति में यह प्रविधान किए गए हैं, जिसके बाद इनका उपयोग किया जा रहा है। वहीं इसको लेकर आबकारी विभाग की नौ सर्किल टीमों का गठन किया गया है। जो नए साल की पूर्व संध्या पर निगरानी करेंगी।
शहर में ओपन एयर बार का ट्रेंड भी बढ़ा
वहीं, पिछले दिनों शहर में ओपन एयर बार का ट्रेंड भी बढ़ा है। कई जगह ऐसी भी शिकायतें हैं जहां बिना लाइसेंस के शराब परोसी जाती है। बता दें कि नए साल को लेकर हर साल आबकारी विभाग के अधिकारी तैयारी करते हैं और अस्थायी लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया की जाती है।
जिले में आबकारी विभाग के जो नौ सर्किल हैं, उनके प्रभारियों सहित टीमें बनी हैं। वहीं अस्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन का सिलसिला 25 दिसंबर से शुरू हो जाता है। सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि नए साल की पूर्व संध्या पर बिना लाइसेंस के पार्टी करवाने वालों की संख्या बहुत होती है।
सिटी सेंटर क्षेत्र में सबसे ज्यादा शराबखोरी
आबकारी विभाग की टीम मुख्य स्थानों पर तो निगरानी रखती है, लेकिन शहर में इन दिनों हाईवे से लेकर अंदर के कई मार्गों पर स्थित रेस्टोरेंट और ढाबों पर शराब परोसी जाती है। सिटी सेंटर सहित शहर के कई इलाकों में कारों में शराबखोरी का चलन बढ़ गया है। अहाते बंद होने के बाद सड़कों पर और कार में शराब पीने वालों की संख्या बढ़ी है, लेकिन पुलिस हो या आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है।
एसपी ऑफिस के पीछे शाम ढलते ही शराबखोरी
कारों में शराब पीने वाले लोग रात में पॉश कॉलोनियों के रहवासियों सहित व्यावसायिक इलाकों में निजी कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं और उत्पात मचाते हैं। खासकर सिटी सेंटर की एयरटेल रोड, एलेन कोचिंग के पास भूखंडों में लग्जरी गाड़ियों को पार्क करके शराबखोरी की जाती है। इसके अलावा एसपी ऑफिस रोड से लेकर एसपी ऑफिस के पीछे शाम ढलते ही शराबखोरी करने वाली कारों को आसानी से देखा जा सकता है।
