विवेक झा, भोपाल। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, नवाचार और नेतृत्व को नई दिशा देने के उद्देश्य से प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल द्वारा रविवार को अकादमिक लीडर समिट का भव्य आयोजन किया गया। यह समिट शैक्षणिक उत्कृष्टता को समर्पित एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरकर सामने आई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 150 से अधिक प्राचार्य, उप-प्राचार्य और स्कूल प्रबंधकों ने सहभागिता की।

समिट की मुख्य अतिथि भोपाल विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि “शैक्षणिक नेतृत्व भारतीय समाज के गुणोत्तर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।”
उन्होंने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों में कौशल विकास, नवाचार, आलोचनात्मक सोच और भारतीय मूल्यों को मजबूत करती है। शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे NEP को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू कर शिक्षा को रोजगारोन्मुख और समाजोपयोगी बनाएं।
“आज का शैक्षणिक नेतृत्व ही कल का भारत गढ़ता है”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रेस्टीज ग्रुप भोपाल के चेयरमैन हिमांशु जैन ने सभी शिक्षाविदों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “आज का शैक्षणिक नेतृत्व ही कल के भारत का स्वरूप तय करता है। जब शिक्षक और प्राचार्य नवाचार, समर्पण और दूरदृष्टि के साथ कार्य करते हैं, तभी संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता की पहचान बनते हैं।”
उन्होंने शिक्षकों को परिवर्तन का अग्रदूत बताते हुए सतत सीखने और नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर जोर दिया।

शैक्षणिक गुणवत्ता और NEP पर गहन विमर्श
समिट का प्रमुख आकर्षण चर्चा एवं ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र रहा, जिसमें विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने इस बात पर गहन मंथन किया कि
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अकादमिक गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए
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शिक्षण-पद्धतियों को अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाए
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NEP 2020 किस प्रकार पाठ्यक्रम संरचना, मूल्यांकन प्रणाली और शिक्षक–विद्यार्थी संबंधों को सुदृढ़ कर सकती है
प्रतिभागियों ने नवाचार आधारित शिक्षण, कौशल-केंद्रित शिक्षा और डिजिटल संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।

शिक्षा नेतृत्व का सम्मान
इस अवसर पर प्रेस्टीज भोपाल द्वारा प्राचार्यों एवं उप-प्राचार्यों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान के लिए विशेष सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए। यह सम्मान उन शिक्षा नेताओं को समर्पित रहा, जिन्होंने अपने संस्थानों में अनुशासन, नवाचार और गुणवत्ता के उच्च मानक स्थापित किए हैं।
शिक्षा जगत की सशक्त उपस्थिति
कार्यक्रम में डॉ. अनिल बाजपेई (ग्रुप डायरेक्टर), डॉ. अभिलाष ठाकुर (डीन, एडमिनिस्ट्रेशन), डॉ. एम.डी. इलियास खान, डॉ. रेनू यादव, डॉ. एम.सी. शर्मा सहित लगभग 100 से अधिक फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।
शिक्षा के भविष्य की दिशा में प्रभावी पहल
समापन अवसर पर प्रतिभागियों ने इस समिट को शैक्षणिक नेतृत्व, नीति आधारित सुधारों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक प्रभावशाली कदम बताया। प्रेस्टीज भोपाल का यह आयोजन शिक्षा जगत में सकारात्मक परिवर्तन लाने और भविष्य की शिक्षा को अधिक सशक्त, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सराहा गया।
