Dec 8, 2025, 10:08 ISTMadhya Predash

हिंसा की शुरुआत चुप्पी से और रोकथाम साहस से : डॉ. वीणा सिन्हा

महिला हिंसा के विरुद्ध जागरूकता अभियान में बच्चों को मिला साहस और समानता का संदेश

भोपाल। महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा को रोकने और समाज में लैंगिक समानता की भावना विकसित करने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था ‘सरोकार’ द्वारा महिला हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय विश्वव्यापी अभियान के अंतर्गत शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, ग्राम बगरौदा में किशोरवय विद्यार्थियों के लिए विशेष संवाद एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता मप्र स्वास्थ्य विभाग की सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक डॉ. वीणा सिन्हा ने बच्चों को महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि “महिलाओं के प्रति हिंसा की शुरुआत अक्सर चुप्पी से होती है और उसकी रोकथाम साहस से।”

हिंसा की शुरुआत चुप्पी से और रोकथाम साहस से : डॉ. वीणा सिन्हा

बच्चों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण: डॉ. सिन्हा

डॉ. सिन्हा ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने घर, समुदाय और समाज को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि—

  • लड़के और लड़कियां एक-दूसरे को बराबरी से देखें

  • घर–स्कूल में महिलाओं के काम और फैसलों का सम्मान करें

  • छेड़छाड़, अपमानजनक चुटकुलों व भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करें

  • लड़कियां अपने मन की बात कहने का साहस विकसित करें और किसी भी गलत अनुभव को अपने शिक्षकों, माता-पिता या भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करें

उन्होंने कहा कि हिंसा को रोकने का पहला कदम है चुप्पी तोड़ना. किसी भी रूप में हिंसा दिखे तो हेल्पलाइन नंबरों और गौरवी केंद्रों की मदद लेने की भी अपील की।

हिंसा की शुरुआत चुप्पी से और रोकथाम साहस से : डॉ. वीणा सिन्हा

लैंगिक समानता, जेंडर आधारित हिंसा और डिजिटल सुरक्षा पर विस्तृत प्रशिक्षण

कार्यक्रम में संस्था ‘सरोकार’ की सचिव कुमुद सिंह ने विद्यार्थियों को समूह गतिविधियों और संवाद सत्रों के माध्यम से जेंडर, हिंसा और जेंडर आधारित हिंसा की समझ दी। उन्होंने बताया कि—

  • जेंडर समाज द्वारा बनाया गया व्यवहारिक ढांचा है

  • जेंडर आधारित हिंसा क्यों हानिकारक है

  • इसे रोकने के लिए बच्चों की भागीदारी क्यों आवश्यक है

कुमुद सिंह ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ रही साइबर बुलिंग, ऑनलाइन उत्पीड़न और डिजिटल हिंसा की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग और अपराध की स्थिति में उपलब्ध विकल्पों की जानकारी दी।

बच्चों ने विषय को समझने के बाद प्रश्न–उत्तर सत्र में सक्रिय भागीदारी की और जेंडर समानता पर नुक्कड़ नाटक, गीत और अभिव्यक्तियां तैयार करने की इच्छा भी जताई।

हिंसा की शुरुआत चुप्पी से और रोकथाम साहस से : डॉ. वीणा सिन्हा

अभियान की अगली कड़ियाँ

सरोकार की ओर से जानकारी दी गई कि—

  • 8 दिसंबर को गांधी भवन में महिलाओं के साथ जागरूकता कार्यक्रम

  • 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर राजीव गांधी महाविद्यालय में युवा छात्र–छात्राओं के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे

अभियान का उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता पर व्यापक जन-जागरूकता पैदा करना और हिंसा के विरुद्ध सामूहिक समर्थन जुटाना है।

114 विद्यार्थियों ने की सहभागिता

कार्यक्रम में कक्षा 8वीं से 11वीं तक के 114 छात्र–छात्राओं ने भाग लिया। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य हृदयेश दुबे, व्याख्याता श्री कटारे, सुश्री सलमा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक–शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।