मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की संभाग स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” प्रदेश के युवाओं के लिये अवसरों का नया आसमान है। इस योजना के माध्यम से युवाओं को काम सीखने के साथ-साथ धनराशि भी प्राप्त होगी। इसके साथ ही उद्योगपतियों को भी प्रशिक्षित युवा प्राप्त होंगे। क्षेत्रीय सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने यह बात मुख्मयंत्री सीखो-कमाओ योजना के लिये आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
नगर निगम के बाल भवन में आयोजित संभागीय कार्यशाला में संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह, कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त संचालक तकनीकी शिक्षा श्री डी वाय गंगाजलिवाले, प्राचार्य आईटीआई श्री डी के नंदनवार सहित उद्योग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आईटीआई से जुड़े संभाग के सभी जिलों से शामिल हुए प्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्षेत्रीय सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना प्रारंभ की है। यह योजना युवाओं और उद्योग धंधों से जुड़े दोनों ही पक्षों के लिये मील का पत्थर साबित होगी। युवाओं को जहाँ सीखने के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी होगा वहीं उद्योगपतियों को अच्छे और ट्रेंड युवा प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आम जनों के कल्याण के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अनेक योजनायें संचालित की हैं। यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं है कि मध्यप्रदेश जन कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाला देश में अग्रणी प्रदेश है।
सांसद श्री शेजवलकर ने उद्योग धंधों से जुड़े प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाएँ और अपने-अपने उद्योगों को योजना के पोर्टल से जोड़ें, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को योजना का लाभ मिले और उद्योग धंधों में प्रशिक्षक युवा काम पर आ सकें। उन्होंने योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कॉलेजों , संस्थाओं आदि में योजना की जानकारी युवाओं को देने हेतु निरंतर कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता भी प्रतिपादित की।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत 18 वर्ष से 29 वर्ष के ऐसे युवक जो मध्यप्रदेश के निवासी हैं उन्हें विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान शासन द्वारा निर्धारित मानदेय भी युवाओं को प्राप्त होगा। प्रशिक्षित युवा भविष्य में अच्छे रोजगार से जुड़ेंगे और अपने जीवन स्तर को बेहतर बना पायेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित उद्योग धंधों से जुड़े प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ और योजना के पोर्टल पर निर्धारित 703 सेक्टरों में अपना पंजीयन अवश्य कराएँ ताकि उनके उद्योग धंधों में युवाओं को प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध कराया जा सके। संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थाओं में युवक-युवतियों को इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना प्रारंभ कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक अनुकरणीय कदम उठाया है। इस योजना से उद्योग धंधों में लगे लोगों को प्रशिक्षित युवा काम के लिये मिल सकेंगे। इसके साथ ही युवाओं को भी प्रशिक्षण के दौरान मानदेय के रूप में शासन द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स के माध्यम से भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इसके लिये उद्योगपतियों की एक बैठक भी शीघ्र आयोजित की जायेगी।
कार्यशाला के प्रारंभ में ग्वालियर कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम ग्वालियर-चंबल संभाग में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की संभागीय कार्यशाला का आयोजन संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में किया जा रहा है। इसके माध्यम से योजना का लाभ अधिक से अधिक युवा उठा सकते हैं इस बारे में भी विस्तृत चर्चा की जायेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे प्रदेश भर के लाखों युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी मिलना प्रारंभ हो जायेगा।
कार्यशाला के शुरू में संयुक्त संचालक तकनीकी शिक्षा श्री डी वाय गंगाजलिवाले ने योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही कार्यशाला में पधारे सभी प्रतिनिधियों के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 18 वर्ष से 29 वर्ष तक के सभी बच्चे पात्र होंगे। स्टाईफण्ड के रूप में प्रशिक्षण के दौरान 12वीं उत्तीर्ण युवाओं को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए एवं स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टायफण्ड प्राप्त होगा।
कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रजेण्टेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री सीखे-कमाओ योजना के संबंध में उपस्थित सभी लोगों को विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।