May 16, 2023, 15:42 IST

अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अथवा अनुज्ञा के बिना ही भवन निर्माण किया जा रहा है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किये है।

अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अथवा अनुज्ञा के बिना ही भवन निर्माण किया जा रहा है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किये है।

अवैध अथवा अनुज्ञा लिए बिना किए गए अतिरिक्त निर्माण को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये यह आवश्यक है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में ऐसे निर्माणाधीन भवनों विशेषकर बहुमंजिला एवं ऊँचे भवनों को तत्काल चिन्हित किया जाए, जिनमें अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अथवा अनुज्ञा के बिना ही भवन निर्माण किया जा रहा है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किये है।

      भवन अनुज्ञा जारी होने के बाद भवन का निर्माण , अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के अनुसार हो रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिये म.प्र. भूमि विकास नियम- 2012 में भवन निर्माण के विभिन्न चरण प्लिन्थ, लिन्टल आदि स्तर के कार्य पूर्ण होने पर नगर पालिका के तकनीकी अमले द्वारा पर्यवेक्षण करने का प्रावधान है, जिसका पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण पाये जाने पर अधिनियम के प्रावधान से तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ करें।

      ऐसे सभी अवैध निर्माणाधीन भवनों को चिन्हित करें और अधिनियम के प्रावधान से तत्काल कार्यवाही करें।   नगरपालिका परिषद और नगर परिषद क्षेत्र में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के उपबन्ध अनुसार भवन निर्माण की अनुज्ञा प्रदान की जाती है। भवन निर्माण अनुज्ञा में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के उपबन्धों एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के सभी सुसंगत प्रावधानों का पालन किया जाना अनिवार्य है। भवन निर्माण अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के अनुसार भवन का निर्माण सुनिश्चित करने एवं भवन निर्माण पूर्ण होने पर अधिनियम की धारा 191 के उपबन्ध अनुसार पूर्णता प्रमाण पत्र तथा भवन के अधिभोग की अनुज्ञा भी आवश्यक है।

      नगरीय निकाय क्षेत्र में ऐसे कई भवन निर्मित और निर्माणाधीन है, जिनमें स्वीकृत एफ.ए.आर. से अधिक एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण किया गया है। अधिनियम में पर्याप्त प्रावधान होने पर भी नगरीय निकाय के अधिकृत अमले द्वारा यथा समय कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है। इससे इस तरह के निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा भवन निर्माण पूर्ण होने पर भवन पूर्णता प्रमाण पत्र एवं अधिवास की अनुज्ञा प्राप्त किये बिना ही भवनों को उपयोग में लाया जा रहा है, जो अधिनियम के विपरीत है। अधिनियम के विपरीत निर्मित भवन एवं इनके अनाधिकृत उपयोग से अग्नि दुर्घटनाओं की सम्भावना भी रहती है।