Apr 20, 2023, 19:43 IST

सरकार द्वारा इस कुरीति को समाज से पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह अधिनियम, 2006 लागू किया गया है

सरकार द्वारा इस कुरीति को समाज से पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह अधिनियम, 2006 लागू किया गया है

बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति हैजिसके कारण देश में हजारों बालकबालिकाओं को विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित उम्र से पूर्व ही पारिवारिक बंधनों में बांधकर माता-पिताओं द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड किया जाता है। सरकार द्वारा इस कुरीति को समाज से पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह अधिनियम, 2006 लागू किया गया हैजिसके अंतर्गत बाल विवाह करवाने वाले (वर-वधु दोनों पक्षों के) माता-पिताभाई-बहनअन्य पारिवारिक सदस्योंविवाह करवाने वाले पंडित अथवा अन्य धर्मगुरूविवाह में शामिल बारातीघरातीबाजेवालेघोडेवालेटेन्टवालेहलवाई तथा विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले अन्य सभी संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।     

        समस्त माता-पिताओं से अनुरोध है कि अपने बच्चों का विवाह विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित आयु के पूर्व (लडकी की  18 वर्ष एवं लडके की 21 वर्ष) किसी भी दशा में ना करें। साथ ही अन्य समस्त जनसाधारण एवं विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं से भी अनुरोध है कि ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में ना तो शामिल हों और ना ही अपनी सेवाएं दें अन्यथा उनके विरुद्ध अधिनियम अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जायेगी। 

         इसी क्रम में एक विशेष अपील विवाह कराने वाले धर्मगुरूओंविवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं तथा मुद्रकों (विवाह पत्रिका छापने वाली प्रिटिंक प्रेस आदि) से की जाती है कि वे विवाह के पूर्ववर एवं वधु दोनों की सही आयु की संतुष्टि हेतु उनके मूल जन्म प्रमाण पत्रअंकसूचीस्कूल की टी.सी. आदि की सत्यापित छायाप्रति प्राप्त कर अपने पास अनिवार्य रूप से संग्रहित करें तथा उम्र सही होने की दशा में ही विवाह की पत्रिका छापें एवं सेवाये देना सुनिश्चित करें।

                जहां विवाह होने वाले लडका व लडकी की उम्र सही न होने की दशा में विवाह पत्रिका न छापे और न ही अपनी सेवायें दें। साथ ही ऐसे प्रकरणों की सूचना तत्काल जिला एवं ब्लॉक स्तर पर संचालित महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय को देंवे। सूचनाकर्ता की जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जावेगी। यदि किसी धर्मगुरू (पंडितमौलवी आदि) के द्वारा विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित आयु से कम आयु के लडके अथवा लडकी का विवाह संपन्न कराया जाता है अथवा किसी मुद्रक द्वारा ऐसी पत्रिका छापी जाती है या विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं द्वारा ऐसे विवाह में सेवा प्रदाय की जाती है तो उस व्यक्तिसेवाप्रदातामुद्रकफर्म के विरूद्व वाल विवाह अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।