Rakesh Tikait डीएपी की कमी से जहां किसान परेशान हैं, वहीं अर्थशास्त्री भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि यदि खाद संकट जारी रहा, तो उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।यह सीधा असर आम जनता की रसोई तक पहुंचेगा — गेहूं, चना, सरसों और दालों की कीमतों में वृद्धि संभव है।
डीएपी खाद की किल्लत से किसानों में हाहाकार: Rakesh Tikait का सरकार पर हमला — बोले, “खाद मांगना भीख नहीं, हक है किसान का
