उत्तर प्रदेश की शान बने ‘खुशहाल किसान’
मुजफ्फरनगर के यहियापुर गांव में बुधवार को लगी ‘कृषि चौपाल’
चौपाल में शामिल हुए 500 से अधिक किसान, कहा- हमें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार ने उठाया अभूतपूर्व कदम
सभी जनपदों को समान रूप से बिजली-पानी उपलब्ध करा रही योगी सरकार
अन्नदाताओं ने योजनाओं के क्रियान्वयन, एमएसपी, समय से भुगतान और गन्ना मूल्य में वृद्धि के लिए योगी सरकार के प्रति जताया आभार
मुजफ्फरनगर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अन्नदाता किसानों के जीवन में खुशहाली लाई। किसान अब आत्महत्या नहीं करते, बल्कि खुशहाली का जीवन व्यतीत कर परिवार की तरक्की और उत्तर प्रदेश की समृद्धि में योगदान दे रहे हैं। किसानों को फसल का उचित दाम मिल रहा, उन्हें किसान सम्मान निधि, पीएम कुसुम योजना, एमएसपी के साथ ही समान रूप से हर जनपद को बिजली, सड़क, पानी की सुविधाएं मिल रही हैं। इससे खेती करने और फसल को बाजार तक पहुंचाने में आसानी हो रही है। यहियापुर गांव में बुधवार को लगी कृषि चौपाल में उपस्थित 500 से अधिक किसानों ने यह विचार रखे। सभी ने साढ़े आठ वर्ष में सरकार के सकारात्मक कदम के कारण किसानों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव का भी जिक्र किया।
विकसित कृषि संकल्प अभियान बना कारगर, सरकार ने सीधे किसानों से किया संवाद
विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए मुख्यमंत्री, केंद्र-राज्य सरकार के मंत्रियों समेत जनप्रतिनिधियों ने किसानों से संवाद किया। 15 दिन में प्रदेश के 14,170 गांवों में हुए कार्यक्रमों में 23 लाख से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। किसान बिराम सिंह ने कहा कि मेरे सहित कई किसान इस अभियान में शामिल हुए। यहां हमने स्वायल कॉर्ड, भूमि सुधार, सिंचन क्षमता आदि से लेकर खेतीबाड़ी में सुधार को लेकर नई-नई जानकारी ली। इसके बाद विशेषज्ञों/अधिकारियों से संपर्क कर अपनी खेती में और सुधार किया।
तिलहन-दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निःशुल्क मिनीकिट का वितरण
किसान अमरीश वालिया ने कहा कि सरकार कृषि विभाग के माध्यम से तिलहन-दहलन के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निःशुल्क मिनीकिट भी वितरित कर रही है। गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, तोरिया, राई-सरसो, अलसी फसलों के लिए अनुदान पर बीज भी उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे एक तरफ हमें आसानी से बीज भी मिलते हैं तो दूसरी तरफ खेती में इसका प्रयोग कर उत्पादकता बढ़ाने और विषमुक्त खेती की तरफ भी किसान कदम बढ़ाते हैं।
खेती में सहायक हो रहे अनुदान पर मिल रहे कृषि यंत्र
किसान गंगाशरण कहते हैं कि खेती में सहायता के लिए किसानों को कृषि यंत्र की आवश्यकता पड़ती है। कृषि विभाग अनुदान पर किसानों को विभिन्न कृषि यंत्र उपलब्ध भी कराता है। कृषि यंत्र खेती में सहायक हो रहे हैं। योगी सरकार की मंशा से 5000 से अधिक कृषि यंत्र बैंक भी स्थापित किए गए हैं, जिससे मेरे जैसे हजारों-लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। जनपदों में निष्पक्ष प्रक्रिया के जरिए ई-लॉटरी निकलती है और किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र मिलता है।
किसान पाठशाला के जरिए नवीन जानकारियों से किया जा रहा अपडेट
किसान वेदपाल ने किसान पाठशाला की सकारात्मकता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके जरिए खेती से अलग किसानों में तकनीकी क्षमता भी विकसित की जा रही है। किसान फसलों के उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि के लिए नवीनतम तकनीकों को जान रहे हैं। हम कृषि विशेषज्ञों से संवाद कर कई समाधान भी पा जाते हैं। उन्नत कृषि से संबंधित व्यावहारिक व व्यापारिक समझ का विकास कर रहे हैं। कृषि विभाग की संचालित योजनाओं के बारे में भी जानकारी मिलती है।
गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी किसानों के लिए वरदान
किसान कंवर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से पहले 30 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि कर गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया था। योगी सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 में गन्ने की अगेती प्रजाति का मूल्य 370 से बढ़ाकर 400 रुपये और सामान्य प्रजाति का 360 रुपये से 390 रुपये प्रति क्विंटल किया। इस वृद्धि से गन्ना किसानों को 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी हो रहा है। योगी सरकार के कार्यकाल में यह वृद्धि किसानों को मिला सम्मान है।
कृषि चौपाल में सुनील प्रधान, कंवरपाल सिंह, मो. फसी, निर्दोष त्यागी, मनोज चौधरी, नूर मोहम्मद, शिवेश कुमार, कंवर सिंह, सुभाष राठी, शेर सिंह, जगमेर सैनी, पद्म सिंह, देवेंद्र कुमार, हरपाल, जयप्रकाश, नरेश पाल आदि किसान मौजूद रहे।
बृहस्पतिवार को दाहोद गांव में लगेगी ‘कृषि चौपाल’
1 से 11 दिसंबर तक पश्चिम उत्तर प्रदेश के चार जनपदों में ‘कृषि चौपाल’ का आयोजन हो रहा है। बागपत, हापुड़ और शामली में ‘कृषि चौपाल’ हो चुकी है। बुधवार को मुजफ्फरनगर के यहियापुर गांव में किसानों ने संवाद किया। 11 दिसंबर (गुरुवार) को दाहोद गांव में ‘कृषि चौपाल’ लगाई जाएगी।
